हम सभी जानते हैं कि भारत एक बड़ा राष्ट्र है। भारत की जनसंख्या भी विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या है,वहीं भारत में लगातार चुनावों की घोषणा होती रहती है। लोकसभा चुनावों के बाद अलग-अलग समय पर विधानसभा चुनाव होते हैं। कहीं विधानसभा उपचुनाव, कहीं लोकसभा उपचुनाव होते हैं, जिला,पंचायत,प्रधान,ब्लॉक तथा जिला परिषद जैसे अनेकों चुनाव अलग-अलग समय पर भारत के अलग-अलग इलाकों में होते हैं। भारतीय जनता पार्टी जब सत्ता में नहीं थी तब से लेकर आज तक जिन लक्ष्यों के साथ भाजपा ने अपना सफर शुरू किया था अब उन लक्ष्यों को पूरा किया जा रहा है। इसी श्रंखला में भारतीय जनता पार्टी अब एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे को लेकर भी जनता के पास जाने वाली है।इसके लिए भाजपा अब कई वेब सेमिनार करने वाली है।
प्रधानमंत्री मोदी कई बार एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर खुलकर बोल चुके हैं और जनता से भी इस पर विचार करने को कह चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ” आए दिन चुनाव होने से विकास की क्रिया प्रभावित होती है।एक राष्ट्र एक चुनाव से तात्पर्य है स्थानीय चुनावों से लेकर विधानसभा तथा लोकसभा का चुनाव एक साथ कराना।” कुछ समय पहले ही पीठासीन अधिकारियों के 80 वें अधिवेशन में पीएम मोदी ने एक राष्ट्र एक चुनाव की बात पर खासा जोर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि एक राष्ट्र एक चुनाव केवल चर्चा का विषय नहीं है अपितु यह भारत की आवश्यकता है।