दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रिंकू शर्मा की हुई मौब लिंचिंग, सरेआम धर्मनिरपेक्षता की उड़ी धज्जियां

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दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रिंकू शर्मा नाम के एक व्यक्ति को सरेआम चाकू से गोदकर मार डाला गया। पहले उस पर लाठी-डंडों से प्रहार हुआ तथा उसके बाद चाकू के प्रहार से उसकी जान ले ली गई। सोशल मीडिया पर बहुत सारे ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिन से साफ दिखाई देता है कि किस तरह से एक भीड़ ने एक “हिंदूयुवक” की मॉब लिंचिंग की? इस पूरी घटना में बहुत सारे पहलू सामने आ रहे हैं!

पुलिस का बयान

भारत में कहीं पर भी कोई घटना होती है तो उस इलाके की पुलिस को घटना पर क्या कह रही है इससे ज्यादा महत्वपूर्ण भारत में किसी भी साक्ष्य को नहीं माना जाता। दिल्ली पुलिस के PRO ने कहा है कि 10 फरवरी को मंगोलपुरी इलाके में कुछ युवा जन्मदिन मनाने के लिए एक रेस्टोरेंट में इकट्ठा हुए। उनमें से कुछ लोगों में लड़ाई हुई जिसके बाद वो चले गए। उसी रात उनके बीच दोबारा लड़ाई हुई जिसमें एक लड़के की मौत हो गई। पुलिस ने FIR दर्ज़ करके 4 लोगों को गिरफ़्तार किया है।पुलिस ने आरोपियों मोहम्मद दानिश, तसुद्दीन, मोहम्मद इस्लाम, जाहिद और मोहम्मद मेहताब को गिरफ्तार कर लिया है।

परिवार के लोगों का बयान

पुलिस के बयान के बाद परिवार के द्वारा जो बयान दिया गया है वह चौंकाने वाला है.. रिंकू के परिवार वालों का कहना है कि रिंकू बजरंग दल से संबंधित था और वह भगवान श्री राम के नारों का समर्थन करता था। अयोध्या में बनने वाले भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के भूमि पूजन पर उसने अपने घर में दीपक भी जलाए थे। राम मंदिर बनाने के लिए उस इलाके में रिंकू ने एक यात्रा भी निकलवाई थी जिसके बाद से ही बहुत सारे लोग रिंकू को परेशान करने लगे थे और उसके बाद रिंकू के साथ जो हुआ उसका कारण केवल भगवान श्रीराम के नारे लगाना और बजरंग दल से संबंधित होना है। परिवार के लोगों का मानना है कि 30 से 40 लोगों की भीड़ हमारे घर में घुस आई और उसके बाद धार्मिक रंजिश के चलते हैं उन्होंने हमारे बेटे की जान ले ली।

धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मिला धोखा

रिंकू शर्मा के परिवार के लोगों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखा। इस पत्र में रिंकू के भाई ने आरोपियों का नाम लेकर कहा कि इन लोगों द्वारा मेरे परिवार पर लाठी-डंडों और चाकू से हमला किया गया। रिंकू के परिवार वालों को अब यह डर सता रहा है कि कहीं इन लोगों के समर्थक रिंकू के परिवार वालों पर ही हमला न करा दे।

बुद्धिजीवियों के मोहल्ले में पसरा है सन्नाटा

बहुत सारे लोग जो छोटी-छोटी घटनाओं पर ट्वीट करने लगते हैं जिन्हें छोटी-छोटी घटनाओं के कारण भारत में रहने से डर लगने लगता है, उनके अनुसार भारत का बहुसंख्यक समाज उनके साथ बार-बार अत्याचार करता है। लेकिन आज भारत का एक बहुत बड़ा वर्ग यह सवाल कर रहा है वही कम्युनिस्ट, लेकिन आज वही बुद्धिजीवी, लेकिन आज वही निष्पक्ष पत्रकार न जाने कौन से बिल में जाकर बैठ गए हैं जो कल तक हिंदुओं को बड़ा बड़ा ज्ञान देने लगते थे? जिन्होंने भगवान श्री राम के जय श्री राम नारे को भड़काऊ नारा बताया था उन्हें धर्म विशेष के कामों में हिंसा दिखाई नहीं देती।

रिंकू शर्मा भी किसी का बेटा था, रिंकू शर्मा भी किसी की आंखों का तारा था लेकिन पता नहीं कि देश के बुद्धिजीवी वर्ग की आंखों पर कौन सा चश्मा चढ़ चुका है कि वे लोग केवल एक धर्म के समर्थन में बोलते हैं और दूसरे समर्थन को हमेशा कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं।

धर्मनिरपेक्षता की पीठ में छुरा

आजादी के पश्चात लगातार भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाने की पूरी कोशिश की गई दूसरे धर्म के लोगों को विशेषाधिकार देकर बहुसंख्यकों को कमजोर करने का कार्य भी भारत की प्रारंभिक सत्ताओं ने किया। न जाने अब तक कितनी ऐसी घटनाएं हो चुकी है जिसमें देश के हिंदू समाज को खुलेआम टारगेट किया गया? लेकिन ना तो यह मुद्दे मीडिया ने कभी उठाए और ना ही देश के लोकतंत्र की रक्षा करने वाले और बात बात पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले लोगों को इस बात में कहीं भी कोई दोष नजर आया। विश्व स्तर पर जो लोग अपने द्वारा दिए गए बयानों को लक्ष्मण रेखा मानते हैं वही लोग देश में हो रही वैसी घटनाओं पर चुप हो जाते हैं जो उनके प्रतिकूल होती हैं।

धार्मिक उन्माद के चलते निकिता तोमर की हत्या
सरफिरी भीड़ के द्वारा दो साधुओं की हत्या
तिरंगा यात्रा निकालने का कारण चंदन की गोली मारकर हत्या
बेटी के साथ हुई छेड़खानी का विरोध करने के कारण ध्रुव त्यागी का मर्डर

यह तो बहुत कम घटनाएं हैं इसके अलावा न जाने कितनी ऐसी घटनाएं हैं जो लगातार हमारे देश में एक समाज के विरोध में घटित हो रही हैं, और उनके बारे में लोग चर्चा भी करना अच्छा नहीं समझते….

रिंकू शर्मा के साथ दिल्ली में जो घटना घटित हुई है उसने निश्चित रूप से देश की अखंडता को खंडित करने का काम तो कर ही दिया है। लेकिन इसके बाद भी अब देखना यह होगा क्या हमारे देश के सभी लोग निष्पक्ष रूप से उन लोगों को सजा दिलाने का काम करेंगे जिनके द्वारा देश की एकता को तोड़ने का काम किया गया। क्या हमारे देश के वरिष्ठ पत्रकार अब अपने टीवी चैनल्स के जरिए रिंकू शर्मा के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग करेंगे? क्या स्वरा भास्कर जैसे समाजसेवी लोगों को अब रिंकू शर्मा से सहानुभूति होगी? क्या बॉलीवुड में काम करने वाले लोग अब रिंकू शर्मा के हत्यारों के खिलाफ भी कुछ बोलने का काम करेंगे या वे केवल एक धर्म के खिलाफ बोलने की ताकत ही रखते हैं?

इन सभी सवालों के जवाब देश की जनता भी जानना चाहती है क्योंकि सच को जल्द सामने आ जाना चाहिए!!

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