हमारे देश में कई बार देखा गया है कि बैंकों के नाम से फर्जी कॉल करने वाले लोग बड़ी आसानी से किसी भी व्यक्ति के अकाउंट से हजारों करोड़ों रुपए निकाल लेते हैं और उसके बाद लोगों को पता ही नहीं चलता कि यह पूरी घटना कैसे घटित हुई अधिकतर मामलों में अलग-अलग बैंकों के नाम से लोग कॉल करते हैं और फिर लोगों से ओटीपी या उनके अकाउंट से जुड़ी हुई जानकारी मांगते हैं। जब लोग उन्हें आसानी से वह जानकारी दे देते हैं तब थोड़ी ही देर में उनका अकाउंट पूरी तरह खाली हो जाता है। इस पूरे मामले को लेकर अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी काफी चिंतित हो चुका है….रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारत वासियों के लिए बहुत सारे सेफ्टी टिप्स जारी की है यह सेफ्टी टिप्स उनके ट्विटर हैंडल के जरिए जारी किए गए हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ट्वीट के जरिए बताया है कि आप किसी भी व्यक्ति से अपने अकाउंट से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी ओटीपी आदि शेयर ना करें…अगर किसी भी ग्राहक का कार्ड चोरी हो जाता है या खो जाता है तो तुरंत संपर्क करके उस कार्ड को ब्लॉक कराएं। वहीं केवाईसी जैसी जानकारियां भी किसी भी व्यक्ति को कभी शेयर ना करें!
पिछले दिनों आरबीआई के नाम से ही आने वाली कई फोन कॉल्स का जिक्र आरबीआई के द्वारा किया गया। आरबीआई ने कहा था कि बहुत सारे जालसाज हमारे जैसे नंबरों को खरीदते हैं और उसके बाद ट्रूकॉलर पर टोल फ्री नंबर से सेव कर लेते हैं। जिसके बाद उपभोक्ता को यह पता ही नहीं चलता कि यह नंबर वास्तव में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या किसी असली बैंक का है या फिर किसी फ्रॉड का..
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि कोई भी बैंक अपने ग्राहक से सीधे अपनी वेबसाइट के जरिए संपर्क करता है। ना की मैसेज लिंक या फिर फोन कॉल के जरिए। ग्राहकों को अपनी आधिकारिक बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए ही अपनी डिटेल्स तक पहुंचना चाहिए।इसके अलावा उन्हें कोई भी ऐसा कार्य न करना चाहिए जिसे लेकर उनके मन में जरा सा भी शक हो।