सुशांत सिंह राजपूत मामले की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझने लगी है। लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर राजनीतिक हमले भी तेज होने लगे हैं। लगातार कई राजनेताओं और सुशांत सिंह राजपूत के फैंस के द्वारा यह कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र पुलिस किसी राजनीतिक दबाव में कार्य कर रही थी। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में आदित्य ठाकरे का नाम आने पर देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के किसी भी नेता ने राजपूत मामले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आदित्य ठाकरे का नाम नहीं लिया है। लेकिन मामले में जिस तरह के खुलासे सामने आ रहे हैं मुझे लगता है कि वह हैरान करने वाले हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने सुशांत सिंह राजपूत मामले की सीबीआई जांच पर कहा, “घटना के 40 दिन बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथों में ली है। अगर इन 40 दिनों के दौरान सबूत नष्ट किए गए होंगे तो क्या होगा? मुझे खबरों के माध्यम से यह पता चला है कि आठ हार्ड डिक्स नष्ट हो गई हैं। इन बातों को देखने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र पुलिस जांच के दौरान किसी राजनीतिक दबाव में थी?”
देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर सफाई इसलिए दी क्योंकि शिवसेना के नेता संजय राउत ने हाल ही में आरोप लगाया था कि युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे के नाम को अभिनेता की मौत के मामले से जोड़ने की साजिश की जा रही है। हालांकि इस मामले में राउत ने किसी भी विपक्षी का नाम नहीं लिया था लेकिन उन्होंने यह कहा था कि विपक्ष इस बात को हजम नहीं कर पा रहा है कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है।