औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस और शिवसेना में छिड़ा विवाद, कॉंग्रेस ने कहा, “निजी एजेंडे पर नहीं चलती सरकारें”

महाराष्ट्र की शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार में फूट पड़ने लगी है। शिवसेना चाहती है कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया जाए और कांग्रेस का कहना है कि निजी एजेंडे पर सरकार नहीं चलाई जा सकती।

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महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार अब ज्यादा दिन नहीं टिकने वाली है, देवेंद्र फडणवीस का यह बयान अब सही साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है। कुछ समय पहले ही कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस को किनारे पर रख दिया गया है सरकार तो एनसीपी और शिवसेना ही चला रही है। शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करना चाहती है लेकिन कांग्रेस पार्टी इस पर राजी नहीं है, हालांकि शिवसेना के नेताओं का कहना है कि हम अपने सहयोगी दलों का समर्थन लेकर यह कार्य करेंगे और इससे सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया,”कांग्रेस द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध करना कोई नई बात नहीं है। लिहाजा इसे महा विकास आघाडी की सरकार से जोड़कर देखना मूर्खता है।” महा विकास आघाडी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बाला साहब थारोट का कहना है, ” वे मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का पुरजोर विरोध करेंगे। कांग्रेस छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का बहुत सम्मान करती है। इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन शहर का नया नाम रखने का उपयोग निजी एजेंडा चलाने, नफरत फैलाने और समाज के विभाजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। “

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