Iodine Salt | अक्सर कहा जाता है कि मानव दिमाग के विकास के लिए आयोडीन नमक बेहद लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत में रोज़ाना खाया जाने वाला आयोडीन नमक (Iodine Salt) दुनिया के 56 छोटे-बड़े देशों में बैन है। इस सूची में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे कई विकसित देशों के नाम भी शामिल हैं। कई रिसर्च और शोधकर्ताओं के अनुसार आयोडीन नमक खाने से लकवा, कैंसर, डायबिटीज़, पथरी, ब्लड प्रेशर और सफेद दाग जैसी कई बड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा कुछ शोध में रोज़ाना आयोडीन नमक के सेवन से नपुंसकता होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
भारत में क्यों नहीं लगा प्रतिबंध
लगभग 100 वर्ष पहले भारत में आयोडीन युक्त नमक (Iodine Salt) का इस्तेमाल नहीं किया जाता था। लेकिन 1930 के बाद विदेशी कंपनियों ने इसका भारत में प्रचार प्रसार किया। आयोडीन नमक का इस्तेमाल असल में 19वीं सदी की शुरूआत में विदेशों में कुछ बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल होता था। इस नमक को घेंघा रोग दूर करने में कारगर माना जाता है। एक समय भारत में घेंघा रोग बहुत अधिक फैल गया था, जिसके बाद भारत में इस नमक को अनिवार्य कर दिया गया।
इसके अलावा गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के दिमाग के विकास के लिए भी आयोडीन नमक को आवश्यक माना जाता है। इन्हीं कुछ तर्ज के आधार पर भारत में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल को लेकर सरकार के पास कोई अन्य संतोषजनक जवाब मौजूद नहीं है। अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार के दौरान आयोडीन नमक बनाने और इसके इस्तेमाल की अनिवार्यता से आज़ाद कर दिया था। लेकिन साल 2005 में भारत के लोगों की जरूरत का हवाला देते हुए सरकार द्वारा इसे फिर से लागू कर दिया गया।
क्या है इसका विकल्प
समुद्री नमक में कुछ हानिकारक रसायन और तत्व मिलाकर आयोडीन नमक (Iodine Salt) तैयार किया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। सेंधा नमक इसका सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। सेंधा नमक में आयोडीन प्राकृतिक रूप से होता है और यह मुख्य तौर पर भारत और पाकिस्तान की चट्टानों में पाया जाता है। सेंधा नमक हमारे शरीर के लिए बेहद गुणकारी होता है। इस नमक को लाहौरी नमक के नाम से भी जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में कई समाजसेवी संस्थाएं लोगों को सेंधा नमक उपयोग करने के प्रति जागरुक कर रही हैं।
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