महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार में सहायक प्रमुख राजनीतिक दल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस एक नया राजनीतिक विकल्प बनने की कोशिश में है। इसी के मद्देनजर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद किशोर ने शरद पवार से लगभग 3 बार मुलाकात की है। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर पूरे विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिश में है। प्रयास किया जा रहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार को अगले प्रेसिडेंट उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा सके। ज्ञात हो कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद करीब तीन बार शरद पवार से मुलाकात की है।
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर की कैलकुलेशन के अनुसार अगर विपक्ष एकजुट होता है तो इलेक्टोरल कॉलेज के मामले में सरकार के सामने उसे मजबूती मिलेगी। साथ ही अगर विपक्षी पार्टियों के साथ बीजेडी के नवीन पटनायक आते हैं, तो ये राह आसान हो सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में इस वक्त विपक्षी पार्टियों की सरकार है, ऐसे में यहां से बड़े नंबर मिलने की आस है। सिर्फ ओडिशा ही एक ग्रे एरिया है, जहां नवीन पटनायक पूरी तरह से विपक्षी खेमे में खड़े हुए नहीं दिखाए हैं। पीके का मानना है कि अगर विपक्ष एकजुट होता है तो बीजेपी के गेमप्लान को चौपट किया जा सकता है, ऐसे में 2024 के चुनाव से पहले ये फायदेमंद होगा। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे समेत अन्य नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में अन्य विपक्षी दलों के साथ आने से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा तैयार किया जा सकता है।