क्या आप क्रिकेट के इन 10 अनोखे नियमों के बारे में जानते हैं, जिनसे बड़े-बड़े फैन भी होते हैं अनजान

क्रिकेट में कई नियम हैं।खेल खेलते वक्त इन नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होता है। आज हम आपको इस खेल से जुड़े कुछ ऐसे नियम बताएंगे, जिनके बारे में क्रिकेट के बड़े-बड़े फैन्स को भी जानकारी नहीं होती।

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यूं तो भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, लेकिन यदि सबसे पसंदीदा खेल की बात की जाए तो इस दौड़ में क्रिकेट अन्य खेलों से कहीं ज्यादा आगे है। भारत में शायद ही कोई गली या मोहल्ला ऐसा होगा, जहाँ क्रिकेट का खेल ना खेला जाता हो। अन्य खेलों की तरह ही इस खेल में कई नियम होते हैं। क्रिकेट में किस प्रकार रन बनाए जाते हैं और किस प्रकार आउट होते हैं, ये सब आम नियम तो सभी को पता होते हैं। लेकिन इस खेल में कुछ ऐसे भी नियम हैं, जो क्रिकेट के बड़े-बड़े फैंस को भी नहीं पता होते।

क्रिकेट के खेल में कई ऐसे नियम हैं, जिनका इस्तेमाल बहुत कम ही किया जाता है या फिर आप कह सकते हैं कि ये कुछ ऐसे नियम हैं, जो विशेष परिस्थिति के दौरान ही इस्तेमाल में आते हैं। आज हम आपको क्रिकेट के कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बताएंगे, जिनसे आप आज तक अनजान होंगे-

अपील करना जरूरी

बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि यदि कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है तो गेंदबाज़ी करने वाली टीम द्वारा अपील करना जरूरी है। यदि गेंदबाद या फिर उसकी टीम से कोई अपील नहीं की जाती तो अंपायर बल्लेबाज को आउट नहीं दे सकता।

थ्री मिनट रूल

जिस प्रकार फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों का एक समय निर्धारित होता है, ठीक उसी तरह क्रिकेट में भी समय का बेहद ध्यान रखा जाता है। एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद अगले बल्लेबाज को तीन मिनट के भीतर ही क्रिकेट फील्ड पर पहुँचना होता है। यदि दूसरा खिलाड़ी फील्ड पर पहुँचने में तीन मिनट से अधिक समय लेता है तो अंपायर उसे आउट करार दे सकता है। इसीलिए आपने देखा होगा कि बल्लेबाज अपनी बैटिंग आने से पहले ही पैड्स वगैरह पहनकर तैयार बैठे होते हैं।

कॉल बैक

कई बार ऐसा होता है कि अंपायर किसी खिलाड़ी को गलत आउट दे देता है। अंपायर द्वारा गलत फैसला लेना आम बात है, क्योंकि आखिर वह भी इंसान ही है। लेकिन यदि गेंदबाजी करने वाली टीम को लगे कि बल्लेबाज आउट नहीं है और वह अंपायर के गलत फैसले का शिकार हुआ है, तो बॉलिंग टीम का कप्तान कॉल बैक फैसले के जरिए बल्लेबाज को वापस क्रीज़ पर बुला सकता है।

पैनल्टी रूल

आपने बॉस्केट बॉल, फुटबॉल और हॉकी जैसे कई खेलों में पैनल्टी रूल के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी क्रिकेट में पैनल्टी रूल सुना है। आपने देखा होगा कि कई बार विकेटकीपिंग करते हुए विकेटकीपर अपना हेलमेट विकेट के पीछे की ओर जमीन पर रख देता है। यदि खेल के दौरान गेंद उस हेलमेट पर लगती है तो अंपायर बल्लेबाजी करने वाली टीम को पैनल्टी रूल के तहत 5 रन देता है। इसका कारण यह माना जाता है कि गेंदबाजी करने वाली टीम ने रन रोकने के लिए अपना हेलमेट जमीन पर रखा हुआ है।

मांकडिंग रूल

कोई भी खेल खेलते वक्त केवल नियम ही नहीं बल्कि खेल भावनाओं का होना भी जरूरी है। मांकडिंग रूल हमेशा से ही एक विवाद का मुद्दा रहा है और क्रिकेट विशेषज्ञ इस पर कई बार बहस करते भी नज़र आते हैं। इस नियम के तहत नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर खड़ा खिलाड़ी यदि गेंदबाज द्वारा गेंद डालने से पहले ही क्रीज़ से बाहर निकल जाता है तो गेंदबाद बीच में रूककर विकेट पर बॉल मारकर उसे आउट कर सकता है। कुछ विशेषज्ञ इस नियम को खेल भावनाओं के विरूद्ध भी मानते हैं।

हैंडलिंग बॉल

बल्लेबाज द्वारा गेंद खेले जाने के बाद यदि वह बॉल को किसी भी तरह से छूता है या फिर गेंद को विकेट में जाने से रोकने की कोशिश करता है तो अंपायर खिलाड़ी को आउट दे सकता है। गेंद खेले जाने के बाद बॉल को विकेट पर जाने से रोकने के लिए बल्लेबाज अपने हाथ-पैर या फिर बल्ले का इस्तेमाल नहीं कर सकता। यदि एक बार बल्ले से लगने के बाद गेंद हवा में गई और बल्लेबाज उस गेंद को दोबारा बल्ले से छेड़ता है तो डबल बैट नियम के तहत भी बल्लेबाज आउट हो सकता है।

बिना बेल्स के भी खेला जा सकता है गेम

यह नियम जानकर आपको शायद हैरानी होगी, लेकिन आपको बता दे कि बिना बेल्स के भी क्रिकेट का खेल खेला जा सकता है। कई बार मैदान पर हवा बहुत तेज चल रही होती है और तेज हवाओं के कारण बेल्स अपने आप गिरने लगती हैं। ऐसे में अंपायर यह निर्णय ले सकता है कि स्टंप्स पर से बेल्स हटा दिए जाएं तो बिना केवल बेल्स के खेल जारी रखा जाए। हेल्मेट पर लगने से भी हो सकते हैं एलबीडब्ल्यू

एलबीडब्ल्यू का मतलब होता है लेग बिफोर विकेट। लेकिन इस नियम में लेग का मतलब केवल पैर से नहीं बल्कि हाथों के अलावा पूरे शरीर से होता है। यदि कोई गेंद सीधे स्टंप्स पर जा रही हो लेकिन वह बॉल बल्लेबाज के बैट या फिर कलाइयों के अलावा शरीर के अन्य किसी भी हिस्से से लग जाए तो अंपायर उसे एलबीडब्ल्यू की श्रेणी में ही रखता है। फिर चाहे गेंद पैड से लगे या फिर बल्लेबाज के हेलमेट से, यदि बॉल किसी भी तरीके से विकेट में जाने से रोकी जाती है तो वह आउट ही माना जाएगा।

फील्डिंग में रूकावट पैदा करना

जैसा की हमने आपको अभी बताया कि क्रिकेट एक भावनात्मक खेल भी है। फील्डिंग के दौरान फील्डर रन आउट करने के लिए बॉल स्टंप्स की ओर फेंकता है, लेकिन इसी बीच कई बार बॉल भागते हुए बल्लेबाज से या फिर उसके बल्ले से टकरा जाती है। ऐसी स्थिति में अंपायर फील्डिंग में रूकावट पैदा करने के लिए बल्लेबाज को आउट दे सकता है। हालांकि इस स्थिति में पहले यह तय किया जाता है कि बल्लेबाज ने ऐसा जानबूझकर किया है या फिर गलती से ही बॉल उसके बल्ले से छू गई है। यदि उसने जानबूझकर गेंद रोकने का प्रयास नहीं किया तो अंपायर उसे आउट नहीं देगा।

डेड बॉल

गली क्रिकेट में अक्सर बच्चे कुछ गेंदों को डेड बॉल कहते नज़र आते हैं। असल क्रिकेट में भी डेड बॉल का एक रूल होता है। यदि बल्लेबाज द्वारा शॉट लगाए जाने के बाद गेंद हवा में किसी चीज से टकरा जाए जैसे इंडोर स्टेडियम की छत से, स्पाइडर कैमरा या ड्रोन कैमरा से तो उस परिस्थिति में बॉल को डेड बॉल माना जाता है। इस गेंद को रद्द कर दिया जाता है और गेंदबाज को वह गेंद दोबारा फेंकनी पड़ती है।

तो दोस्तों है ना ये क्रिकेट के कुछ शानदार और अनोखे नियम। हमे यकीन है कि आपने इनमें से कई नियम पहले कभी नहीं सुने होंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।

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