गुलामी के प्रतीक चिन्हों को मिटाएगी मध्य प्रदेश सरकार, भारतीय संस्कृति की पहचान बनेंगे कई शहर

0
376

भारत की आजादी के सात दशकों बाद तक गुलामी के प्रतीक चिन्हों को सहन करते करते भारतीय अब अपनी सभ्यता की ओर लौट रहे हैं। लगातार भाजपा शासित प्रदेशों में गुलामी के प्रतीकों को मिटाने का काम चल रहा है। जिसका आरंभ सबसे पहले उत्तर प्रदेश से प्रारंभ हुआ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल स्टेशन कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी काम करने वाली है। बताया जा रहा है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में अब मध्य प्रदेश के उन शहरों तथा उन स्थानों के नामों को परिवर्तित किया जाएगा जिन से गुलामी की बू आती है। इसी श्रंखला में सबसे पहले होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदा पुरम कर दिया गया और अब माना जा रहा है कि भोपाल, मिंटो हॉल, बेगमगंज, गोहरगंज, गैरतगंज, बुरहानपुर तथा सुल्तानपुर समेत कई अन्य स्थानों के नाम बदले जाएंगे।

बताया जाता है कि काफी समय से इन शहरों के प्रतिनिधि इन शहरों के नाम बदलने के लिए राज्य सरकार से निवेदन कर रहे थे और अंततः और उनके इस निवेदन को स्वीकार भी कर लिया गया है। सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव के नाम पर भी इस में से किसी एक स्थान का नाम रखा जाएगा। प्रसिद्ध शहर भोपाल का नाम बदलकर भी भोजपाल किया जा सकता है। बताया जाता है। भोपाल की स्थापना 11 वीं सदी के राजा भोज ने की थी।इसीलिए उसे भोपाल कहा जाता था। लेकिन कालांतर में मुगलों के आतंक के कारण इसका नाम बदल गया और बाद में इसे भोपाल के नाम से जाना गया।

मध्य प्रदेश से जुड़े कुछ शहरों के नाम निम्न है:

  • भोपाल – भूपाल,भोजपाल
  • विदिशा – भेलसा
  • विदावती सीहोर – सीधापुर
  • ओंकारेश्वर – मांदाता
  • दतिया – दिलीप नगर
  • महेश्वर – माहिष्मति
  • जबलपुर – त्रिपुरी
  • जबालिपुरम ग्वालियर – गोपांचल
  • दमोह – तुंडीखेत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here