भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आत्मनिर्भर भारत की ओर देश को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं और कहीं ना कहीं यह कोशिश में सफल भी हो रही हैं सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण काल के बीच भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर मंदी से बाहर आ रही है इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इस समय 0.4% की वृद्धि हुई है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2021 2022 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 10.5% के साथ बढ़ने का अनुमान लगाया है। दरअसल जब दो तिमाही तक किसी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था गिरती है तो उसे मंदी कहते हैं।2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी 24 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी घटी थी।तीसरी तिमाही में जीडीपी का अनुमान 36.22 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में यह 36.08 लाख रुपये था।
कोरोनावायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वहीं दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। इस समय यदि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर आ रही है तो निश्चित रूप से भारत सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों की भी चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत के छोटे उद्योगों को विकसित करने का काम कर रही है जिससे निश्चित रूप से मुद्रा की मांग बढ़ रही है और भारत का सकल घरेलू उत्पाद भी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। एक ऐसा समय है विश्व की अधिकतम अर्थव्यवस्था में मंदी से जूझ रही है और उन्हें मंदी से बाहर आने में काफी समय लग रहा है ऐसे में यदि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर आने के प्रयासों में सफल हो रही है, तो इसका अर्थ है कि भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो चुका है।