यदि आप भी सोते समय करते है मोबाइल का इस्तेमाल तो सावधान, जानें सेहत को है कितना नुकसान

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क्या आप भी नींद से जुड़ी किसी समस्या से परेशान हैं। हमारे आस-पास कई ऐसे लोग होते हैं जिन्हें नींद से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती है या फिर उन्हें किसी न किसी तरह की आंखों की तकलीफ से गुजरना होता है। जहां ये समस्या कॉमन है वहीं ये बात भी कॉमन है कि लोगों को अपने मोबाइल के साथ सोने की आदत होती है। फोन तकिए के नीचे या बगल में होता है। रात में किसी भी वक्त कॉल या मैसेज आए तो तुरंत जवाब दिया जाता है।

इसे तकनीक का हिस्सा माना जाए, लेकिन यही तकनीक कई मामलों में आपकी चैन की नींद छीन रही है। शायद आपको ये पता भी नहीं होगा, लेकिन आपके फोन देखने की आदत कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की जड़ है। एक रिसर्च कहती है कि सोने के 1 घंटे पहले हमें फोन देखना बंद कर देना चाहिए। ये 1 घंटा शरीर के कई फंक्शन सही करने में मदद करता है।

1. मोबाइल फोन दिमाग को रखता है व्यस्त

मोबाइल कुछ इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि वो हमें ज्यादा प्रोडक्टिव बनाते हैं और साथ ही साथ हमारे काम को आसान। लेकिन कई बार हमें ये पता नहीं चलता कि कब उन्हें बंद करना चाहिए। कमरे की लाइट बंद होने के बाद हमारे दिमाग को और ज्यादा प्रोडक्टिव होने की या ज्यादा जानकारी की जरूरत नहीं होती है। ज्यादा फोन का इस्तेमाल हमारे दिमाग को थका देता है और उसे ऐसा लगता है कि उसे एक्टिव रहना है। ऐसे में चैन की नींद तो भूल जाइए, दिमाग को इसकी आदत पड़ जाएगी। कई लोगों के साथ ये देखा गया है कि उन्हें लगातार फोन से कनेक्ट होने की आदत हो जाती है।

2. स्क्रीन की ब्लू लाइट है सबसे ज्यादा खतरनाक

जो ब्लू लाइट स्मार्टफोन से आती है वो न सिर्फ आपकी आंखों के लिए खराब होती है बल्कि ये दिमाग के लिए भी काफी खतरनाक होती है। इसे लेकर कई रिसर्च की गई है। जो बात सामने आई है वो चौंकाने वाली है। रिपोर्ट में हम इन्ही बातों की जानकारी दे रहे है स्मार्टफोन कि इस ब्लू लाइट से रेटिना डैमेज होता है। इससे macular degeneration की समस्या होती है जिससे सेंट्रल विजन खराब होता है। जिसकी वजह से सिर दर्द भी बढ़ने लगता है।

3. नींद आने में समस्या

REM स्लीप उस नींद का साइंटिफिक टर्म है जिसे बीच-बीच में गैप के बाद नींद आती है। इसे अक्सर आंखों के मूवमेंट से नापा जाता है। सपने देखने, तेज़ पल्स होने या शरीर की किसी हरकत के कारण ये हो सकती है। अब खुद ही सोचिए कि आप सोते समय फेसबुक देख रहे हैं और किसी बात से मूड खराब हो जाता है। अगर ऐसा होता है तो कितना समय लगता है सोने के लिए ऐसा ही तब भी होता है अगर खुशी हो ज्यादा। ये सभी भावनाएं हमारी नींद में खलल डालते हैं। ये anxiety भी बढ़ा सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की गिनती करने लगेंगे तो फोन से जुड़ी न जाने कितनी समस्याएं निकल जाएंगी। अगर फोन रखने के बाद भी सोने में दिक्कत हो रही है तो स्लीपिंग मास्क का उपयोग किया जा सकता है। ये तीन अहम कारण हैं जो बताते हैं कि सोने से कुछ समय पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।

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