आप सभी जानते हैं दुनिया के बहुत सारे लोग कुत्ते पालते हैं। कुत्ते की वफादारी वास्तव में एक मिसाल होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कुत्ते कोरोना का टेस्ट कर सकते हैं? अगर नहीं तो आपके लिए यह खबर बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। पेरिस के नेशनल वेटरनरी स्कूल ऑफ एल्फोर्ड के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि कुत्ते अपनी सूंघने की क्षमता के बल पर इंसानों में कोरोना संक्रमण का 97 प्रतिशत तक सटीक अंदाजा दे सकता है। शोधकर्ता डॉमिनिक ग्रैंडजीन का कहना है कि इंसानी शरीर कोरोना संक्रमण के खिलाफ जो प्रतिक्रिया देता है, वह उसके पसीने और सलाइवा में भी प्रदर्शित होती है जिससे कुत्ते सूंघकर पहचान सकते हैं।
ग्रैंडजीन का कहना है कि अब तक कुत्तों को किसी विस्फोटक या ड्रग्स का पता लगाने के लिए ही प्रशिक्षित किया जाता रहा है पर कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ जब उनकी सूंघने की क्षमता का उपयोग इस वायरल रोग का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। कुत्तों की सूंघने की क्षमता को लेकर ही एक दूसरा शोध पेनेसोल्वेनिया स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन डॉग सेंटर भी कर रहा है, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या कुत्ते टीका लगवा चुके लोगों और संक्रमित लोगों के बीच अंतर कर पाएंगे। अगर ऐसा संभव हुआ तो ऐसे प्रशिक्षण प्राप्त कुत्तों की मांग और बढ़ जाएगी।
हवाई अड्डों पर हो रही है कुत्तों की तैनाती
यह बताया जा रहा है कि एक कुत्ता एक बार में 300 से ज्यादा लोगों में संक्रमण का पता लगा सकता है। जिस तरह एंटीजन जांच करने के लिए नाक से स्वाब नमूने लेने की आवश्यकता होती है। फिनलैंड के हेलसिंकी-वांता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संक्रमित यात्रियों की पहचान के लिए कुत्तों को तैनात किया गया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कुत्तों की इस शक्ति का उपयोग अब मधुमेह से लेकर मलेरिया जैसे रोगों तक का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। वर्तमान में रैपिड एंटीजन जांच से संक्रमण का पता लगाने में कम से कम 15 मिनट का समय लगता है वही कुत्ते इंसान के पसीने की महक से इस काम मिनटों में कर सकते हैं।