रूस के सरकारी शस्त्र निर्यातक रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के बड़े अधिकारी ने गुरुवार को जानकारी दी की जल्द ही भारत को अपनी पहली खेप से अक्टूबर-दिसंबर तक S-400 विमान भेदी मिसाइल देगा। रूस की एस-400 सतह से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाली सबसे अच्छी रक्षा प्रणाली की मिसाइल है। अधिकारियों ने बताया कि ये आधुनिक तकनीकी से लैस मिसाइल 400 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है।
400 किलोमीटर के दूरी तक दुश्मन के विमानों तथा ड्रोन को भी हवा में ही ढेर कर देगी। एजेंसी ने बताया कि भारतीय विशेषज्ञ जनवरी में ही प्रशिक्षण के लिए रूस पहुंच गए है। अक्टूबर 2018 में ही मिसाइल कि पांच खेप खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर में करार किया था। भारत ने यह करार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद किया था। इस मिसाइल को खरीदने के लिए भारत ने अपनी पहली किस्त साल 2019 में रूस को 80 करोड़ डॉलर की भुगतान की।
शुरू से ही काफी विवादों में रही ये डील
अमेरिकी रोक के बाद भी भारत ने बता दिया था कि हम किसी भी तरीके से दबाव में नहीं आने वाले है और ना ही हम रूस से हुए S-400 समझौते को रद्द करेगे। ट्रंप ने यहां तक कहा कि “अगर भारत रूस से S-400 मिसाइल खरीदता है तो उसका सीधा असर भारत को अमेरिका के तरफ से मिलने वाले सहयोग पर पड़ेगा।” ट्रंप ने कहा भारत को रक्षा जरूरतों के लिए आधुनिक प्रौद्योगियो व साजो सामान के साथ अमेरिका पूरी मदद करने के लिए तैयार है।
सूत्रों ने बताया कि भारत रूस के साथ स्वतंत्र रक्षा संबंधों को अमेरिका के साथ अपने बढ़ते सामरिक संबंधों को रोड़ा नहीं मानता। भारत लगातार अमेरिका को यही समझाने का प्रयास कर रहा की दोनों देशों के बीच रक्षा व रणनीतिक सम्बन्ध बहुत ही मजबूत दिशा की ओर है। सूत्रों ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार 18 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है इस साल के अंत तक दोनों देश बड़ा सैन्य अभ्यास प्रस्तावित कर सकती हैं।