शराब और धूम्रपान करने वालों के लिए कोरोना है घातक, एक गलती से जा सकती जान!

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक बार फिर कोविड-19 के इस भयावह दौर में अपनी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने की हिदायत दी गई है। जी हां कोविड-19 अक्सर उन्हीं लोगों पर अटैक करता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।

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कोरोना महामारी ने देशभर में त्राहिमाम मचा कर रखा है। परंतु राष्ट्र के कई राज्यों में लॉकडाउन लगने के कारण अब मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक बार फिर कोविड-19 के इस भयावह दौर में अपनी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने की हिदायत दी गई है। जी हां कोविड-19 अक्सर उन्हीं लोगों पर अटैक करता है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।

इसी बीच अब कई रिसर्चर्स में य़ह इस बात सामने आई हैं कि कोरोना वायरस ज्यादा शराब और सिगरेट पीने वाले लोगों पर ज्यादा अटैक कर रहा है। उन लोगों की स्थिति दूसरे लोगों के मुकाबल ज्यादा गंभीर हो रही है। इसलिए अगर आप शराब पिया धूम्रपान का सेवन करते हैं तो फिलहाल इस आदत को तुरंत बदल डालिए। नहीं तो यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पहले भी कोविड-19 के शुरुआती दिनों में यह बात हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा बताई गई है कि कोविड-19 उन लोगों के लिए खतरा बन सकता है, जिनका इम्यून सिस्टम खराब होता है और धूम्रपान शराब के सेवन से हमारे फेफड़े पर काफी असर होता है और अन्य लोगों के मुकाबले नशीली पदार्थों का सेवन करने के लिए 14 प्रतिशत ज्यादा होता।

हम बात अगर पहले धूम्रपान की करे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन भी यह बात साफ कर चुका है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं। उन्हें अगर कोविड-19 हो तो ऑक्सीजन की सबसे अधिक मात्रा में जरूरत होती है, क्योंकि धूम्रपान से हमारा फेफड़ा जल्दी खराब होता है और कोविड-19 में भी सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है। इसलिए धूम्रपान भी हमारे लिए काफी घातक है। कोरोना की वजह से क्रोनिक रेस्‍पिरेटरी डिजीज, हार्ट की समस्याएं और कैंसर जैसी बीमारियां सीधे तौर पर धूम्रपान से जुड़ी हैं।

वहीं दूसरी ओर शराब सेवन करने वालों के बारे में बात की जाए तो इन्हें कोविड-19 सबसे पहले अपने कब्जे में लेता है। इनका इम्यून सिस्टम काफी खराब होता है। इसी वजह से जब से कोविड-19 की शुरुआत हुई है कई लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। शराब पीने वालों को आईसीयू में रखने की सबसे अधिक जरूरत पड़ जाती है और उन्हें डॉक्टरों के देखरेख में नियमित रहना पड़ता है। वहीं इनके इलाज में स्टेराइड और दूसरी दवाओं की डोज ज्यादा देनी पड़ रही है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कमजोर है।

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