भुट्टे के बाल से होते हैं कई स्वास्थ्य लाभ, उन्हें फेंकने की बजाय ऐसे करें इस्तेमाल

आपने अब तक भुट्टे से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन आज हम आपको भुट्टे के बालों से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा।

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Benefits of Corn Silk | बरसात के मौसम में भुट्टा खाने में बहुत मजा आता है। अधिकांश लोग भुट्टा खरीदते समय या खरीदने के बाद ऊपर लगें भुट्टे के बालों को फेंक देते हैं। शायद अभी तक आप भी ऐसा ही करते आए होंगे। लेकिन आपको बता दें कि भुट्टे के बालों में कई प्रकार के पौषक तत्व पाए जाते हैं, जो आसानी से अन्य फल-सब्जियों में नहीं मिलते हैं। भुट्टे के बालों को मक्के का रेशा या फिर कॉर्न सिल्क (Corn Silk) कहा जाता है। इनमें बीटाकैरेटिन, मेन्थॉल, सेलेनियम और विटामिन्स समेत कई प्रकार के गुणकारी तत्व पाए जाते हैं।

भुट्टे के बालों से होने वाले स्वास्थ्य लाभ (Benefits of Corn Silk)

भुट्टे के बाल हमारे शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ाते हैं, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर के बैड कॉलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है। गर्दन में अकड़न और गठिया के दर्द में भी भुट्टे के बालों से बनी चाय पीने से काफी आराम मिलता है। लीवर के लिए भी कॉर्न सिल्क बेहद लाभकारी होते हैं, जिससे हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके नियमित सेवन से किडनी में पथरी की समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है। साथ ही दिल की बीमारियों में भी विशेषज्ञ कॉर्न सिल्क का प्रयोग करने की सलाह देते हैं।

कैसे करें भूट्टे के बालों का इस्तेमाल (How to use Corn Silk)

कॉर्न सिल्क को आप कच्चा नहीं खा सकते, इसीलिए चाय के रूप में ही आप इसका सेवन सबसे अच्छा रहता है। भुट्टे के थोड़े से बाल लेकर एक कप पानी में 15 मिनट तक पका लें। इसके बाद इसमें थोड़ा सा नमक और नींबू डालकर आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा रात भर एक गिलास पानी में भूट्टे के बाल भिगोकर रख दें और सुबह उठकर इसका सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

गर्भवती महिलाएं न करें अधिक सेवन

कॉर्न सिल्क से बनी चाय पीने से आपको जल्द भूख नहीं लगती। जो लोग डाइटिंग करना चाहते हैं, वे दिन में 2-3 बार भुट्टे के बाल से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं। कॉर्न सिल्क का सेवन करने से वैसे तो किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं का इसका सेवन कम करना चाहिए। इसके अधिक सेवन से गर्भाशय में उत्तेजना हो सकती है, जो गर्भपात का कारण बन सकता है।

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