आगामी विधानसभा चुनाव को देखकर सभी पार्टियां अब अपने-अपने प्रत्याशियों पर दाव लगा रही हैं इसी बीच टिकट न मिलने के कारण बहुत सारे प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टियों से नाराज हो गए हैं कुछ लोग अपनी पार्टी छोड़ रहे हैं तो कुछ अपनी पार्टी के लिए इशारों ही इशारों में चेतावनी भी दे रहे हैं इसी बीच केरल में कांग्रेस को एक अजीब परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है केरल की इकाई की अध्यक्ष लतिका सुभाष ने एत्तूमनूर सीट से टिकट न मिलने के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया।वरिष्ठ नेता सुभाष ने टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताने के लिए पार्टी कार्यालय के सामने बैठकर अपने बाल ही मुंडवा दिए। नई दिल्ली में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा उम्मीदवारों की सूची की घोषणा करने के तुरंत बाद सुभाष ने यहां पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में संवाददाताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची में महिला उम्मीदवार कम हैं। कांग्रेस द्वारा आज जारी 86 उम्मीदवारों की सूची में केवल 9 महिलाएं हैं।
महिला नेत्री का कहना है कि वह ऐसे पद पर नहीं रहना चाहतीं, जो उन्हें एक चुनाव टिकट भी नहीं दिला सके। उन्होंने कहा, ”मैं केपीसीसी के उम्मीदवार के चयन से दुखी हूं। हमने महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें मांगी थीं.. प्रत्येक जिले से कम से कम एक महिला उम्मीदवार की उम्मीद की थी, लेकिन जो महिला नेता पार्टी के लिए काम करती थीं, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है।” इन वर्षों के दौरान कांग्रेस के साथ अपनी यात्रा को याद करते हुए, महिला नेता ने कहा कि उनका नाम चुनावों के समय सुना जाता था, लेकिन उन्हें कभी भी उम्मीदवारों की सूची में जगह नहीं मिली। उन्होंने कहा, ”इस बार, 27 वर्षीय महिला को मौका दिया गया। हम खुश हैं … लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई।” उन्होंने कहा, ”मैं इस पार्टी के लिए लंबे समय से काम कर रही हूं। कांग्रेस पार्टी के कई विधायक मुझसे कनिष्ठ हैं।”
Kerala Mahila Congress chief Lathika Subhash gets her head tonsured in front of the party office in Thiruvananthapuram in protest after being denied the party ticket for Assembly elections.
"I am not joining any party but I'll resign from my post," she says. pic.twitter.com/FWme31IEdU
— ANI (@ANI) March 14, 2021
भाजपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी या किसी अन्य के साथ नहीं जुड़ेगी, लेकिन अब से पार्टी की एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगी। उन्होंने कहा, ”मैं न तो भाजपा में जाऊंगी, न मैं माकपा में शामिल होऊंगी। इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी मेरी नेता हैं।” उन्होंने कहना है कि वह हमेशा एक बहुत आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता रही हैं और कांग्रेस ने उनकी उपेक्षा नहीं की है। उन्होंने कहा, ”हम इस बार उन्हें सीट नहीं दे सके… लेकिन यह जानबूझकर नहीं था …वह एत्तूमनूर सीट चाहती थीं जिसे केरल कांग्रेस (एम) जोसेफ गुट को देना पड़ा। हम निश्चित रूप से भविष्य में उन्हें समायोजित करेंगे।” राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि पार्टी ने सभी को शामिल करने की पूरी कोशिश की है और कई सक्षम नेता हैं जिन्हें इस चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ”मैं हर यूडीएफ सदस्य और कार्यकर्ता से अनुरोध करता हूं कि वे मोर्चे की जीत के लिए काम करें। यूडीएफ के संयोजक एम एम हसन ने कहा कि पार्टी एत्तूमनूर सीट लतिका सुभाष को देना चाहती थी, लेकिन केसी वह सीट लेने को अडिग थी।” उन्होंने कहा कि हालांकि उनके लिए कुछ अन्य सीटों पर विचार किया गया, लेकिन वह हो नहीं पाया।