मंगलवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। बिहार के विकास से संबंधित इस बैठक में कई प्रमुख निर्णय लिए गए। बताया जा रहा है कि कई वर्षों से बंद हुई योजनाओं पर भी इस कैबिनेट बैठक में मुहर लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि जिलों तथा उप मंडलों के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं मुहैया कराएंगी। इस सहायता समूह का नाम है ‘दीदी की रसोई’। दीदी की रसोई की शुरुआत वैशाली में एक्सपेरिमेंट के रूप में की गई थी। उसके पश्चात बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी के तहत गया, सहरसा, पूर्णिया,बक्सर, शेहर और शेखपुरा जिले में इसका प्रसार कर दिया गया।
इस कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग को राज्य की राजधानी और वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दानापुर, खगौल और फुलवारी शरीफ में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा को चलाने की मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट की मीटिंग में एक और बड़ा फैसला लेते हुए राजस्व और भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत 3883 पदों की स्वीकृति दे दी गई है। बताया जा रहा है कि जब इन पदों पर भी स्वीकृत हो जाएगी उसके पश्चात राजस्व विभाग के कार्य में तेजी आ जाएगी। इसी कैबिनेट बैठक में बिहार ज्यूडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल्स 2017 को निरस्त करते हुए ज्यूडिशियल ऑफिसर्स कंडक्ट रूल्स 2021 पर मुहर लगा दी गई है।