हमेशा यह देखा जाता है जब भी कोई व्यक्ति कोई कार्य मोटरसाइकिल खरीदता है और उसमें कोई समस्या आ जाती है तो व्यक्ति को डीलर वर्कशॉप के चक्कर काटने पड़ते हैं और 24 घंटे तक भी उसका काम नहीं हो पाता लेकिन अब सरकार मोटरसाइकिल तथा कार खरीदने वाले लोगों को बड़ा फायदा देने की सोच रही है। अब निर्माता कंपनी बगैर किसी शुल्क के खराब वाहन को ठीक करेगी अथवा नियम के अनुसार उपभोक्ता को नई कार दी जाएगी। इसके लिए उपभोक्ताओं को डीलर-वर्कशॉप के चक्कर काटने की जरुरत नहीं है। इसमें मैकेनिकल-इलेक्ट्रिकल, पार्ट, कंपोनेंट आदि शामिल है। यह सुविधा सात साल पुरानी हो चुकी कारों पर भी मिलेगी। नए नियम एक अप्रैल 2021 से लागू हो जाएंगे।
शिकायत पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय जांच अधिकारी नियुक्त करेगा। व्हीकल रिकॉल नियम दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया निजी व व्यावसायिक वाहनों पर लागू होगा। खास बात यह है कि वाहन के पार्ट, कंपोनेंट, रेट्रोफिटिंग आदि त्रुटियां को शामिल किया गया है। इस योजना के बाद संबंधित कंपनी के बहाना भी नहीं बना पाएगी कि खराब पार्ट किसी अन्य कंपनी का है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने व्हीकल रि-कॉल व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन वाहन निर्माता कंपनियों के दबाव के कारण यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी। नई व्यवस्था रिकॉल नोटिस मिलने पर कंपनी सिर्फ हाई कोर्ट जा सकती है। इसे लागू करने की पूरी जिम्मेदारी गडकरी के मंत्रालय के कंधों पर होगी।विनिर्माण के समय अथवा असेंबल के समय त्रुटि नहीं पकड़ने और बेचने के एवज में कंपनी पर 10 लाख से 100 लाख रुपये का जुर्माना तय किया गया है। यह राशि वाहन बिक्री की संख्या के अनुसार तय होगी।ये जुर्माना वाहनों की बिक्री के आधार पर लगेगा।