महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर एक और बड़ा खुलासा, मौत वाले दिन बंद थे महंत के कमरे के कैमरे, सबूत मिटाने का अंदेशा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी और उलझ चुकी है जो कि जांच में यह बात सामने आई है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत वाले दिन उनके कमरे तथा पूरे आश्रम के कई कैमरे बंद थे। कैमरा में किसी तरह का सबूत ना मिलना यह बताता है कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे कोई षड्यंत्र हो सकता है।

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी उलझती जा रही है। अब जांच में यह बात सामने आई है कि जिस दिन महंत नरेंद्र गिरी की मौत हुई उस दिन उनके कमरे के कैमरे काम नहीं कर रहे थे। ऐसा माना जा रहा है कि कैमरा का उसी दिन काम ना करना किसी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है। ऐसे में अपने पहली मंजिल के विश्रामकक्ष से उस प्रतीक्षालय तक महंत कब और कैसे पहुंचे? क्या उस कमरे में पहले से कोई मौजूद था? या फिर उनके आने के बाद कोई वहां दाखिल हुआ? ऐसे सवालों के जवाब ढूंढ पाना मुश्किल हो गया है। क्योंकि, मठ के प्रवेश द्वार से लेकर उस कक्ष तक लगे कैमरों में इस घटनाक्रम से जुड़ी कोई रिकार्डिंग मौजूद नहीं है। इस वजह से सीबीआई के लिए महंत की मौत का सच बाहर लाना अब पत्थर पर दूब उगाने जैसा हो गया है।

कैमरों के अचानक बंद होने के पीछे मठ के कुछ साधु बिजली जाने की वजह बता रहे हैं, तो यह भी पता चला है कि इन कैमरों से जुड़ी एक डीवीआर मशीन कुछ दिन पहले ही खराब हो गई थी। अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार उस दिन बख्शी बांध उपकेंद्र से जुड़े एसपी मालवीय फीडर पर 12:16 से 12:58 बजे तक कुल 42 मिनट तक बिजली आपूर्ति ठप थी। लेकिन, मठ के संतों, सेवादारों का इसके पीछे बिजली जाने का यह बहाना इसलिए भी नहीं माना जा सकता, क्योंकि वहां 63 केवीए क्षमता का जेनरेटर भी लगा है। इसके अलावा चार किलोवाट का इनवर्टर भी है। ऐसे में फीडर का तार टूटने, शट डाउन लिए जाने से सप्लाई बाधित होने का असर मठ की आपूर्ति पर नहीं पड़ता रहा है।आपको बता दें कि इस पड़ताल में बाघंबरी मठ में लगे कुल 43 में से 15 ऐसे कैमरे घटना के दिन बंद पाए गए, जो महंत के आराम कक्ष से बाहर आने के बाद भूतल पर जहां शव मिला उस कक्ष से लेकर मठ के मुख्य प्रवेश द्वार तक का बड़ा हिस्सा रिकार्ड करते थे।

कैमरों से छेड़छाड़ की आशंका

अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि कैमरे क्लाउड-9 कंपनी के थे और इनका मॉनीटर कंट्रोल महंत के निजी कक्ष में लगा है। जिसे सीबीआई ने सील कर दिया है। लेकिन, इन कैमरों से जुड़ी डीवीआर मशीन, जिसमें अचानक खराबी आने की बात कही जा रही है, वह महंत के कक्ष के बाहर लगाई गई थी और घटना के बाद आनन-फानन बाहर भी निकाल दी गई। इस डीवीआर के बैकअप से छेड़छाड़ की भी आशंका है। इन कैमरों का रखरखाव करने वाले हाशिम अली बताते हैं कि गोशाला, स्वामी विचारानंद महाविद्यालय, फव्वारा स्थल से लेकर मठ के मुख्य प्रवेश द्वार तक के क्लाउड-9 कैमरों की डीवीआर हीटिंग की वजह से कुछ दिन पहले ही खराब हो गई थी। हाशिम अली का दावा है कि घटना से कुछ दिन पहले ही महंत को इन कैमरों की डीवीआर खराब होने और रिकार्डिंग न आने की जानकारी दी गई थी। इस डीवीआर से आठ से 10 दिन का बैकअप हासिल किया जा सकता है, लेकिन कैमरे कब से और कैसे निष्क्रिय हुए, यह गहरी जांच का विषय बन गया है।

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