सीपीआई के दस्तावेजों में हुआ बड़ा खुलासा,केरल में बढ़ते जा रहे हैं तालिबान समर्थक, पढ़ी लिखी महिलाओं को है खतरा

सीपीआई (एम) के दस्तावेजओं के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी हिंद सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का कार्य कर रहा है। दावा है कि जमात केरल में अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया तथा प्रकाशनों का उपयोग कर रहा है। जमात का लक्ष्य इस्लामिक राज की स्थापना है।

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केरल की सरकार चाहे कितने भी बड़े बड़े वादे कर ले केंद्र सरकार पर कितना भी निशाना साधा लेकिन वास्तविकता तो यह है कि केरल के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश की व्यवस्था को संभाल ही नहीं पा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि केरल में तालिबान का समर्थन बढ़ता ही जा रहा है। सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केरल इकाई कथित तौर पर राज्य में जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) द्वारा ‘कट्टरपंथ और सांप्रदायिकता’ की वकालत करने से चिंतित है। केरल की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक आंतरिक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है। इन दस्तावेजों को सीपीएम ने अपने पार्टी कैडरों के बीच बांटा था। इन दस्तावेजों के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी हिंद सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का कार्य कर रहा है। दावा है कि जमात केरल में अपने एजेंडे को बढ़ाने के लिए अपने सोशल मीडिया तथा प्रकाशनों का उपयोग कर रहा है। जमात की मंशा इस्लामिक राज की स्थापना है।

पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं निशाने पर

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार, इसमें दावा किया गया है कि पढ़ी-लिखी महिलाओं को इस विचारधारा की तरफ लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। सीपीएम ने इसके लिए जमात को आरोपी ठहराया है। साथ ही अपने संगठनों एवं कार्यकर्ताओं को सांप्रदायिकता के विरुद्ध एकजुट होने की बात कही है। दस्तावेजों में यह भी बताया गया है कि संघ परिवार की गतिविधियों की वजह से अल्पसंख्यकों में सांप्रदायिक भावनाएं बढ़ रही हैं।  सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य एमए बेबी ने इंडिया टुडे से कहा कि ‘ये सही है कि हमने अपने पार्टी दस्तावेज में सांप्रदायिक और कट्टरपंथी ताकतों को लेकर आगाह किया है।’ हालांकि, उन्होंने दावा करते हुए ये भी कहा कि युवाओं और छात्रों का ‘कट्टरपंथी और आतंकवादी गतिविधियों’ की ओर जाने को संघ परिवार की गतिविधियों से भी जोड़कर देखना चाहिए।

अपनी नाकामी का ठीकरा संघ के नाम फोड़ा

सीपीएम ने दावा कि ये गतिविधियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों के जवाब में हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस की गतिविधियों के जवाब में अल्पसंख्यक समुदाय का एक वर्ग भी उसी तरह के प्रतिशोध की ओर आकर्षित होगा और संघ परिवार की नकल करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात की ओर भी ध्यान देना चाहिए कई कथित मुस्लिम देशों की तुलना में भारत में मुस्लिम आबादी कहीं ज्यादा है।’ हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि केरल में जमात-ए-इस्लामी चरमपंथी ताकतों के पनपने का माहौल बना रही है।

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