CM Yogi Adityanath उत्तर प्रदेश की जनता को लाभ देने के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चला रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अपने परिवार जनों को गंवाने वाले बच्चों के लिए भी योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath की पहल पर अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के लिए बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई थी। अब यह बात सामने आई है कि इस योजना का लगभग 6000 बच्चों को लाभ मिल चुका है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 2000 अन्य नए बच्चों को भी चयनित किया जा चुका है जिनको इस माह किस्त दी जाएगी। बता दें कि विभाग में बाल सेवा योजना सामान्य के लिए भी आवेदन आने शुरू हो गए हैं। इसके अलावा यूपी में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के बच्चों के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई स्पान्सरशिप योजना से यूपी के हजारों बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है।
Bal Seva Yojana 2021 के लाभ एवं विशेषताएं :
- ये योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा आरंभ की गई है। योजना की शुरआत 30 मई 2021 को की गई थी। जो लोग कोरोना वायरस महामारी के चलते मृत्यु को प्राप्त हो गए उनके बच्चों को मदद करने हेतु यह योजना लाई गई।
- योजना में कोरोना वायरस की वजह से अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक रूप से सहायता दे कर उनके जीवनयापन में मदद की जाएगी। इसके तहत योजना में आवेदन करना आवश्यक है।
- जिन बच्चों का पंजीकरण योजना के तहत होगा उनकी पात्रता के अनुसार लाभकारी बनाया जाएगा। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि लाभकारी बालकों को 4000 रूपये प्रति माह आर्थिक मदद दी जाएगी।
- साथ ही साथ उनकी शिक्षा का खर्च व विवाह तक का खर्च भी प्रदेश सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इस योजना के मुताबिक जब तक बालक व्यस्क ना हो जाए तब तक उन्हें दिए जाने वाले लाभ मिल सकतें हैं। वहीँ कन्याओं को विवाह के लिए 1 लाख 1000 तक की आर्थिक मदद भी योजना द्वारा दी जाएगी।
- वहीँ अगर बच्चा 10 वर्ष से कम आयु का है व उसके दोनों अभी भावक अब नहीं रहें हैं तो उन्हें आवसीय सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। योजना में आवसीय सुविधा देने हेतु जगह जगह राजकीय बाल गृह भी बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेशकी सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली इस योजना को देखकर अन्य राज्यों में भी इस प्रकार की योजना चलाई गई हैं।