उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से ऐलान किया गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का बजट करीब दोगुना कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य बनेगा जिसके मनरेगा के सालाना बजट को 8500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15000 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि बड़े बजट से गांव-गांव में मनरेगा के तहत हर हाथ को मिल सकेगा। अभी तक की व्यवस्था के अनुसार यूपी में मनरेगा के मजदूरों को साल में 100 दिनों का काम देना अनिवार्य था। लेकिन अब बजट बढ़ने से मजदूरों के काम करने की अवधि भी बढ़ाई जाएगी।
क्या है मनरेगा योजना?
भारत में बहुत सारी जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एकमात्र आजीविका का साधन है। ग्रामीण क्षेत्रों अधिकतर लोगों को रोजगार प्राप्त नहीं हो पाता है इसीलिए गांव की जनसंख्या शहरों की ओर पलायन करती है। केंद्र सरकार ने इस पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए एक योजना का प्रारंभ किया था। जिसे मनरेगा योजना कहा जाता है।
मनरेगा योजना का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना है। केंद्र सरकार ने इस योजना का प्रारंभ 2 अक्टूबर 2005 को किया था। इस योजना को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत रखा गया था। 31 दिसंबर 2009 को इस योजना का नाम परिवर्तित करके महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना कर दिया गया था।
इस योजना के अंतर्गत कराए जाते हैं निम्न प्रकार के कार्य:
- जल संरक्षण
- सूखे की रोकथाम के अंतर्गत वृक्षारोपण
- बाढ़ नियंत्रण
- भूमि विकास विभिन्न तरह के आवास निर्माण
- लघु सिंचाई
- बागवानी
- ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण
- कोई भी ऐसा कार्य जिसे केंद्र सरकार राज्य सरकारों से सलाह लेकर अधिसूचित करती है।