एक ओर भारत पोलियो मुक्त देश की बात करता है, वहीं दूसरी ओर निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी भारत को बुरी तरह से जकड़ रही है। हाल ही में आई ‘युनिसेफ’ और ‘एव्री ब्रीथ काउंट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में भारत में कुल 1 लाख 27 हज़ार बच्चों की मौत निमोनिया की वजह से हुईं हैं। हैरानी वाली बात यह है कि इन सभी बच्चों की उम्र 5 वर्ष या उससे कम थी।
‘सेव द चिल्ड्रन’ एनजीओ के उपनिदेशक डॉक्टर राजेश खन्ना ने भी स्पष्ट किया कि पिछले साल भारत में हर 4 मिनट में एक बच्चें की मौत निमोनिया के कारण हुई। इन आँकड़ो से साफ है कि भारत में निमोनिया बहुत तेजी से फैल रहा है। निमोनिया से होने वाली मौत के मामलों में भारत विश्व में नाइजीरिया के बाद दूसरे स्थान पर है।
आमतौर पर निमोनिया किसी संक्रमण या खराब पानी पीने के कारण होता है। अगर आपको भी लगातार खांसी होना, खांसी में खून आना, सांस तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, भूख ना लगना और लो ब्लड प्रैशर जैसी समस्या हो तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें। ये सभी निमोनिया के प्रमुख कारण है। निमोनिया से बचने के लिए अपने बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं और उन्हें पूरी नींद अवश्य लेने दें।