भारतीय घरों में प्राचीन समय से ही तुलसी का सेवन एक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। तुलसी के अंदर कई प्रकार के विटामिन्स और अन्य पौषक तत्व पाए जाते हैं। ये प्राकृतिक औषधि सर्दी, खांसी, झुकाम से लेकर कई बड़ी बीमारियों के इलाज में कारगर माननी जाती है। कई घरों में रोज़ाना तुलसी के पत्तों की चाय भी पी जाती है। अक्सर कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिला यदि रोज़ाना तुलसी के पत्तों का सेवन करें तो यह उनके लिए और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए ही फायदेमंद रहता है।
चलिए गर्भवती महिला को तुलसी से होने वाले फायदों (Benefits of Basil in pregnancy) के बारे में कुछ मुख्य बिंदुओं के बारे में जान लेते हैं-
- तुलसी में विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए काफी फायदेमंद होता है, साथ ही इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
- तुलसी के नियमति सेवन से एनीमिया होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। तुलसी हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में मददगार साबित होती है।
- तुलसी के अंदर मैग्नेशियम, ज़िंक, कॉपर, आयरन और फोस्फोरस पाया जाता है, जिससे गर्भ में मौजूद शिशू की हड्डियों मजबूत होती है और वह एक स्वस्थ्य बालक के रूप में जन्म लेता है।
- तुलसी एक बेहतरीन एंटी-बैक्टीरियल भी मानी जाती है, जो जच्चा और बच्चा दोनों को कई संक्रमित रोगों से बचाने में मदद करती है।
तुलसी के इतने फायदों के बावजूद कुछ डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन न करने की सलाह देते हैं। असल में तुलसी के सेवन से बॉडी में ब्लड शुगर कम हो सकता है। इसके जरूरत के अधिक सेवन से मुँह में छाले हो सकते हैं और हृदय गति भी अधिक तेज हो सकती है। इसके अलावा कई बार तुलसी से गर्भाशय में सिकुड़न आने लगती है। हालांकि इन साइड इफेक्ट्स पर अभी तक किसी प्रकार की ठोस रिपोर्ट सामने नहीं आई है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान एक सीमित मात्रा में तुलसी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन बेहतर यही रहेगा कि आप एक बार फिर भी अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी भी चीज सेवन करें।