शुक्रवार के दिन के अंत के साथ ही कर्नाटक के नाटक का भी अंत हो गया। भाजपा नेता बी.एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ (Yediyurappa Swearing Ceremony) ली। बी.एस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। येदियुरप्पा के शपथ लेने के साथ ही एक बार फिर से कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन गयी है। बता दें कि कांग्रेस जेडीएस बहुमत नहीं सबित कर पाई थी जिसके बाद ही भाजपा और येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका मिला।
यहां से अब सोमवार को येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना होगा, जिसपर उन्होनें कहा सोमवार को मैं बहुमत साबित करूंगा। इसके बाद फाइनेंस बिल पास होगा। अमित शाह जी और अन्य नेताओं से चर्चा करूंगा। जरुरत पड़ने पर दिल्ली भी जा सकता हूं।
कुछ ऐसा रहा येदियुरप्पा का अब तक का मुख्यमंत्री कार्यकाल
बी.एस येदियुरप्पा का मुख्यमंत्री कार्यकाल किसी फिल्मी ड्रामे से कम नहीं रहा। येदियुरप्पा ने 2007 में पहली बार कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन तब उनकी सरकार केवल 7 दिन ही चल सकी थी। इसके बाद उन्होनें 2008 में सीएम पद की कुर्सी संभाली। तब वे 3 साल 66 दिन तक इस पद पर रहे। इसके बाद 17 मई 2018 को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली और 3 दिन बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं अब उन्हें एक बार फिर कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभालने का मौका मिला है।
मंत्रिमंडल का गठन सबसेे बड़ी चुनौती
भले ही येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली हो लेकिन उनके लिए आगे की राह इतनी भी आसान नहीं रहने वाली। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के लिए मंत्रिमंडल का गठन सबसे बड़ी चुनौती होगा। दरअसल इस समय 15 बागियों समेत 56 विधायक ऐसे है, जिन्होंने 3 या इससे ज्यादा चुनाव जीते है। ऐसे में इन सभी विधायकों के नए मुख्यंत्री से यही उम्मीद होगी कि उन्हें मंत्रिमंडल में एक अहम स्थान दिया जाए। लेकिन, कर्नाटक में मुख्यमंत्री समेत केवल 34 पद स्वीकृत है। वहीं येदियुरप्पा वरिष्ठों को भी नाराज नहीं करना चाहते। ऐसे में उनके लिए सबसे कठिन चुनौती यही रहने वाली है।
अमित शाह और नड्डा से हो चुकी है चर्चा
कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के गठन के लिए कर्नाटक के भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के लिए दिल्ली जा भी चुका था। हालांकि अभी तक मंत्रिमंडल के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है। कुछ नेताओं का कहना है कि इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व का होगा।
इसी महीने कुमारस्वामी ने दिया था इस्तीफा
दो बार कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए एच.डी कुमारस्वामी एक बार फिर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। इस बार 14 महीनों के अंदर ही उनकी सरकार गिर गई। विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिर जाने के बाद कुमारस्वामी ने मंगलवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें कि कुमारस्वामी 23 मई 2018 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे और 23 तारीख को ही उनकी सरकार गिर गई।