Google search engine

-

देशक्या है एनआईए बिल? जिसके पास होने से बढ़...

क्या है एनआईए बिल? जिसके पास होने से बढ़ गया अमित शाह का कद

मोदी सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री पद संभालते ही अमित शाह एक्शन मोड में आ गए है। कश्मीर की समस्या और आंतकवाद जैसी समस्या के समाधान के लिए अमित शाह ने संसद में एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। लोकसभा में एनआईए (NIA) यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन बिल (NIA Amendment Bill 2019) पास हो गया है। इस बिल (NIA Bill) के पास होने के साथ ही अब देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी को वो अधिकार मिल जाएंगे जिससे वो पिछले काफी समय से वंचित थी।

इस बिल का संसद में पास होना मोदी सरकार की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। लेकिन आइये इससे पहले नजर डालते है कि आखिर राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी क्या है और इसी स्थापना कब हुई?

क्या है एनआईए?

एनआईए (NIA) भारत में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संघीय जाँच एजेंसी है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को 2008 के मुंबई हमले के बाद स्थापित किया गया था। इसके संस्थापक महानिदेशक राधा विनोद राजू थे जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 2010 को समाप्त हुआ। इसके बाद इस एजेंसी का कार्यभार शरद चंद्र सिन्हा ने संभाला। बता दें कि आतंकी हमलों की घटनाओं, आतंकवाद को धन उपलब्ध कराने एवं अन्य आतंक संबंधित अपराधों का अन्वेषण के लिए एनआईए का गठन किया गया था।

राष्ट्रीय जांच ऐजेंसी से जुड़ी अहम जानकारी

स्थापना- 2009

संघीय संस्था- भारत

मुख्यालय- नई दिल्ली

माहानिदेशक- वाई.सी.मोदी

कार्यभार- अमित शाह, गृहमंत्री

इन आतंकी संगठनो पर एनआईए लगा चुका है बैन-

1. बाबर खालसा इंटरनेशल

2. खालसा कमांडो फोर्स

3. खालसा जिंदाबाद फोर्स

4. लश्कर-ए-तैयबा

5. जैश-ए-मोहम्मद

6. अल-उमर-मुजाहिद्दीन

7. जम्मू-कश्मी इस्लामिक फ्रंट

8. ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स

9. स्टूडेंट इस्लामिक मोवेमें ऑफ़ इंडिया

10. अखिल भारत नेपाली एकता समाज

एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए बड़े आतंकी

अरीज खान

एमआई के आतंकी अरीज खान को एनआईए ने नेपाल बॉर्डर से 2018 में गिरफ्तार किया था।

तालिब लाली

एनआईए ने 2013 में बड़ी कार्यवाही करते हुए हिजबुर मुजाहिद्दी ने कमांडर तालिब लाली को जम्मू कश्मीर से गिरफ्तार किया था।

मोहम्मद तहसीन अख्तर उर्फ मोनू

साल 2016 में राजस्थान में हुई कार्यवाही के दौरान एमआई संठन के चीफ कमांडर मोहम्मद तहसीन को गिरफ्तार किया गया।

तौफीक अंसारी

खतरनाक आतंकवादी तौफीक अंसारी एनआई की लिस्ट में मोस्ट वॉन्टेड था जिसे एनआईए ने 2014 में गिरफ्तार किया था।

तारीकुल इसलाम

बुर्दवान ब्लास्ट मामले में एनआईए को बांग्लादेशी आंतकी तारीकुल इसलाम के खिलाफ सुबूत मिले थे। जिसके बाद 2015 में एनआई ने झारखंड से तारीकुल को गिरफ्तार किया।

लोकसभा में पास हुआ एनआईए बिल

बता दें कि लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 278 वोट पड़े जबकि विधेयक के खिलाफ सिर्फ 6 वोट ही पड़े।

इस विधेयक में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक अब आतंकवाद मामलों की जांच करने वाली देश की सबसे बड़ी एजेंसी एनआईए भारत के बाहर किसी भी गंभीर अपराध के मामले में केस रजिस्टर और जांच का निर्देश दे सकती है। इस विधेयक को पास करने के दौरान अमित शाह और ओवैसी के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस मुद्दे पर AIMLBDK के असदुद्दीन ओवैसी ने मत-विभाजन की मांग की। वहीं दूसरी तरह अमित शाह ने ओवैसी को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया।

एनआईए संशोधन (NIA Bill) विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय जांच एजेंसी को देशहित में मजबूत बनाना है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस विषय पर सदन में डिविजन होना चाहिए जिससे देश को पता चले कि कौन आतंकवाद के पक्ष में है और कौन इसके खिलाफ है। वहीं निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आज जब देश दुनिया को आतंकवाद के खतरे से निपटना है, ऐसे में एनआईए संशोधन विधेयक का उद्देश्य जांच एजेंसी को राष्ट्रहित में मजबूत बनाना है।

अब एनआईए को मिलेंगे ये अधिकार

1. इस विधेयक का प्रस्ताव पास होने से अब एनआईए की जांच का दायरा बढ़ जाएगा। अब ये एजेंसी भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारतीय एवं भारतीय परिसम्पत्तियों से जुड़े मामलों की जांच कर सकेगी। इसमें मानव तस्करी और साइबर अपराध से जुड़े विषयों की जांच का अधिकार भी एनआईए के पास रहेगा।

2. इस बिल (NIA Bill) के पास होने के साथ ही अब एनआईए अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी। इससे पहले कई बार जज का तबादला होने पर अधिसूचना जारी करना पड़ती थी। जिसके चलते इस पूरी प्रक्रिया में 2 से 3 महीने लग जाते थे। हालांकि अभी भी एनआईए अदालत के जजों की नियुक्ति संबंधित कोई भी निर्णय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ही लेंगे।

3. विधेयक का उद्देश्य अधिनियम की धारा 1 की उपधारा 2 में नया खंड जिसमे ऐसे व्यक्तियों पर अधिनियम के उपबंध लागू करने का है जो भारत के बाहर भारतीय नागरिकों के विरूद्ध या भारत के हितों को प्रभावित करने वाला कोई अनुसूचित अपराध करते है।

4. एनआईए बिल (NIA Bill) के तहत अब आपराधिक मामलों पर सुनवाई की प्रक्रिया और भी तेज हो जाएगी। इसके लिए अब केंद्र और राज्य सरकार मामलों की सुनवाई के लिए एक या अधिक अदालतें स्थापित कर सकेंगी। जो एनआईए के हित में काम करेगा।

5. इसके अलावा प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण या बिक्री के संबंध मे होने वाले अपराधों की जांच भी अब एनआईए कर सकेगी।

spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

ताजा ख़बरें

Pulwama Attack Anniversary: पुलवामा हमले को बीते 4 साल, जानें क्या हुआ था आखिर उस दिन

"देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्जाम ना आए, माँ न कहे कि मेरे बेटे वक्त पड़ा तो काम...

क्या आप जानते हैं दुनिया के सबसे महंगे क्रिकेट बैट के बारे में, 1 करोड़ 20 लाख रूपये है इस बैट की कीमत

अगर आप क्रिकेट के शौकीन है या आपने कभी भी क्रिकेट देखा है तो क्या आप जानते हैं कि...

क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में बांस को जलाना क्यों अशुभ माना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है कहानी

आप सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में बांस को जलाना अशुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप इसके...

क्या आप जानते हैं उन 5 गांव के बारे में, जो अगर दुर्योधन ने पांडवों को दिए होते, तो नहीं होता महाभारत का युद्ध

आप सभी जानते हैं कि महाभारत की युद्ध से पहले भगवान श्री कृष्ण शांति दूत बनकर महाराज धृतराष्ट्र के...

You might also likeRELATED
Recommended to you