क्या राजस्थान में रहेगी गहलोत की सरकार, या सचिन पायलट बिगाड़ेंगे कांग्रेस का खेल

राजस्थान में लगातार कांग्रेस के लिए संकट के बादल छा रहे हैं। एक तरफ सचिन पायलट के समर्थकों ने यह दावा किया है कि सचिन पायलट की तरफ 30 से ज्यादा विधायक हैं तो वहीं अशोक गहलोत के समर्थक यह दावा कर रहे हैं कि गहलोत के पास पूर्ण बहुमत है।

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राजस्थान में भी मध्य प्रदेश की तरह सत्ता पलटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच संबंधों में खटास अब सबके सामने आ चुकी है। सचिन पायलट के समर्थकों की तरफ से यह दावा किया गया है कि सचिन पायलट की समर्थन में 30 से ज्यादा विधायक हैं और वह कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मौजूद नहीं होंगे। इसके विपरीत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों ने यह दावा किया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास पूर्ण बहुमत है और भाजपा के कई विधायक भी हमारे संपर्क में हैं।

सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आई है कि सचिन पायलट अभी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले हैं। हालांकि इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन उनके पुराने साथी ने सचिन पायलट के लिए ट्वीट भी किया था। इस ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा था, “मैं अपने साथी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सताए जाने और किनारा किए जाने से काफी दुखी हूं। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता की कद्र नही है।”

कल सुबह 10:00 बजे अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। जिसमें माना यह जा रहा है कि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ शामिल नहीं होंगे। अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं तो वह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। विधायक दल की मीटिंग बुलाकर अशोक गहलोत तो यह बताना चाहते हैं कि उनके पास 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ही भरोसा जताया है।

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