WHO ने कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक बीमारी की दी जानकारी

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पूरी दुनिया पिछले करीब चार महीने से घातक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक तकरीबन 20 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और सवा लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया को कोरोना से भी घातक एक और महामारी से सावधान किया है। WHO द्वारा इस महामारी को Disinfodemic नाम दिया गया है। WHO के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है। संकट के इस दौर में सूचनाओं के अंबार के बीच, दुनिया भर में निराधार और झूठी जानकारियां बहुत तेजी से फैलाई जा रही हैं। इन झूठी जानकारियों की इतनी भरमार हो चुकी है कि दुनिया भर के तमाम टिप्पणीकार उस गलत जानकारी का मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफार्म अथवा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हवाला देने लगे हैं। कोरोना वायरस से जुड़ी ऐसी ही झूठी जानकारियों, दुष्प्रचार और भ्रामक खबरों को WHO ने Disinfodemic नाम दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डिसइन्फोडेमिक भी किसी महामारी से कम नहीं है DisinfodemicWHO के मुताबिक मौजूदा नाजुक वक्त में गलत जानकारियों व भ्रामक सूचनाओं की वजह से दुनिया भर में बहुत सी जिंदगियां खतरे में पड़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये भी खतरा जताया है कि भ्रामक सूचनाओं में पड़कर बहुत से लोग अपने लक्षणों का इलाज गैर-साबित तरीकों से इस उम्मीद के साथ कर रहे हैं कि इससे वो ठीक हो जाएंगे। ऐसे में उनकी जान को भी खतरा हो सकता है। Disinfodemic के खतरे को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को (UNESCO) ने भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए मुहिम चलाई है। इस मुहिम के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कोरोना वायरस से संबंधित सही सूचनाएं पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, उसमें कई तरह के दावे किये जा रहे हैं। जैसे, अल्कोहल पेय (शराब व बीयर इत्यादि) पीने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडे मौसम में कोरोना वायरस के खत्म होने का दावा किया जा रहा है। यूनेस्को के संचार व सूचना संबंधी नीतियों के निदेशक गाई बर्जेर के अनुसार ऐसे दावे जिनमें कहा जा रहा है कि जिन देशों में गर्मियों का मौसम आने वाला है, वहां चिंता करने की जरूरत नहीं है, एकदम गलत और निराधार हैं। इससे किसी क्षेत्र विशेष में लापरवाही का माहौल बन सकता है, जिससे कईयों की जान जोखिम में पड़ सकती है।

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