कल देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉकडाउन को 3 मई तक और बढ़ाने के कुछ देर बाद ही महाराष्ट्र के मुंबई के बांद्रा स्टेशन और ठाणे के मुंब्रा स्टेशन पर एकाएक प्रवासी कामगारों की भीड़ एकत्रित हो गई। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच एकदम से ऐसी स्थिति का उत्पन्न हो जाना अपने आपमें एक आश्चर्य है। बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए ये कामगार अपने गृहराज्य भेजे जाने की ज़िद पर उतारू हो गए। बड़ा सवाल ये है कि जब महाराष्ट्र की उद्धव सरकार द्वारा केंद्र सरकार से पहले ही लॉकडाउन की समयावधि को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था फिर कैसे और क्यों प्रधानमंत्री मोदी के लॉकडाउन को और जारी रखने के फैसले के बाद लोगों का हुजूम सड़कों पर आ पहुंचा?
कुछ दिनों पहले ऐसे ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों को उनकी बस्तियों से उठवाकर उन्हें दिल्ली-यू.पी. बॉर्डर पर छोड़ दिया गया था। ऐसे में बिना राजनीति के दांव-पेच समझे इतनी जल्दी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सकता पर फिर भी कुछ राजनीतिक पार्टियां अपना उल्लू सीधा करने के फेर में आज किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखती हैं फिर चाहे ऐसे में कोरोना से और भी लोग क्यों न संक्रमित हो जाएं जब देश को कोरोना वायरस अपनी चपेट में ले रहा तब इस मुश्किल घड़ी में भी कुछ लोग राजनीति करने से बाज़ नहीं आ रहे।
उन्हीं में से एक हैं विनय दुबे जो एक तरह से हिंदुओं के खिलाफ हुए एंटी-सीएए प्रदर्शनों का हिस्सा रह चुका है। कल मुंबई में हज़ारों की भीड़ जमा करने में इसका भी नाम सुर्खियों में आ रहा है। उसकी फेसबुक प्रोफाइल खंगालने पर इसके पुख्ता सुबूत मिल रहे हैं कि कैसे वो सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि देश के सभी प्रवासी कामगारों को जारी इस लॉकडाउन के बीच अपने गृहराज्यों में लौट जाने को उकसा रहा है। फेसबुक के अलावा 14 अप्रैल को यूटयूब पर भी उसने प्रवासियों से अपने-अपने गृहराज्यों की ओर कूच करने का आह्वाहन किया था। अपने फेसबुक पोस्ट एवं वीडियोज़ के द्वारा वो बार-बार पुलिस को चुनौती देता हुआ और लॉकडाउन को खारिज करने की बात करता हुआ दिख रहा है। इसके साथ ही उसकी प्रोफाइल में एनसीपी और मनसे के नेताओं के साथ की तस्वीरें इस ओर इशारा करतीं हैं कि उसकी इन नेताओं के साथ भी करीबी है।
बहरहाल, अब नवी मुंबई पुलिस ने विनय को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया है। पुलिस के अनुसार विनय को IPC की धारा 117, 153 A, 188, 269, 270, 505 (2) और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है। देशभर में फैलते कोरोना वायरस से संक्रिमित होने वाले राज्यों में महाराष्ट्र में 2455 मामले हैं और अगर सिर्फ मुंबई की ही बात करें तो यहाँ 1540 कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए गए हैं जो बहुत ही चिंताजनक है ऐसे में इस तरह की लापरवाही मुंबई में रह रहे लोगों के साथ ही देश के लोगों पर भी बहुत भारी पड़ने वाली है।