जब 30 वर्ष बाद महिला को पता चला कि वह वास्तव में एक पुरुष है

जांच के बाद पता चला कि महिला एंड्रोजेन इंसेंसटिविटी सिंड्रोम (Androgen Insensitivity Syndrome - AIS) से पीड़ित है, AIS एक विशेष और दुर्लभ प्रकार की बीमारी है। जिसमें शख्स जब पैदा होता है तब उसके जींस पुरुषों के होते हैं लेकिन शरीर महिलाओं की तरह विकसित होता है। यह करीब 22 हजार लोगों में से किसी एक को होता है।

0
564
प्रतीकात्मक चित्र

हाल ही में एक ऐसा किस्सा सुनने में आया है जिसको सुनते ही एक महिला के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी। एक 30 वर्षीय महिला अन्य महिलाओं की तरह अपना सामान्य जीवन जी रही थी। 9 साल पूर्व उसकी शादी भी हो गयी थी। लेकिन अचानक एक दिन वह हैरान हो गई, जब उसे पता चला कि वह महिला नहीं पुरुष है। यह जानकारी उसे तब पता चली जब वह पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास गई। डॉक्टरों द्वारा जांच करने के बाद बताया कि उस महिला को पुरुषों में होने वाला कैंसर है। इस बात का पता लगने के बाद इस महिला की 28 वर्षीय बहन भी पुरुष निकली। उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि दोनों बहनें एंड्रोजेन इंसेंसटिविटी सिंड्रोम (Androgen Insensitivity Syndrome – AIS) से पीड़ित हैं।

AIS एक विशेष और दुर्लभ प्रकार की बीमारी है। जिसमें शख्स जब पैदा होता है तब उसके जींस पुरुषों के होते हैं लेकिन शरीर महिलाओं की तरह विकसित होता है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में रहने वाली ये 30 वर्षीय महिला की शादी 9 वर्ष पूर्व हुई थी। पेट में तेज दर्द होने की शिकायत के बाद उस महिला को नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। अस्पताल के डॉक्टर अनुपम दत्ता और डॉ. सौमेन दास ने जांच की तो पता चला कि वह महिला असल में पुरुष है। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बाहर से देखने में यह पूरी तरह से महिला है। उसकी आवाज, शरीर की बनावट, बाहरी अंग सब महिलाओं के हैं। लेकिन उसके शरीर में यूट्रेस (बच्चे दानी) और ओवरीज (अंडकोश) नहीं हैं।

और पढ़ें: कैंसर पीड़ित पत्नी के लिए पति ने चलाई 130 किलोमीटर तक साइकिल, पहुंचाया अस्पताल

यहां तक कि इस महिला को अन्य महिलाओं की तरह कभी माहवारी भी नहीं हुई है। दोनों डॉक्टरों ने बताया कि इस महिला को टेस्टीक्यूलर कैंसर (Testicular Cancer) है जो अक़्सर पुरुषों में पाया जाता है। ये महिला जिस दुर्लभ स्थिति में है, वह करीब 22 हजार लोगों में से किसी एक को होता है। इस महिला के शरीर के अंदर पुरुषों की तरह अंडकोश हैं। उसमें कैंसर हो गया है। इस टेस्टीक्यूल कैंसर को सेमिनोमा (Seminoma) भी कहते हैं। इस महिला के पास आम महिलाओं की तरह सभी जननांग हैं, लेकिन वो गर्भवती नहीं हो सकती।

जब महिला का कैरियोटाइपिंग टेस्ट कराया गया। जिसमें शख्स के क्रोमोसोम्स का अध्ययन किया जाता है। उसके क्रोमोसोम्स XY हैं, जो कि पुरुषों के होते हैं। जबकि, महिलाओं के XX होते हैं। अभी फिलहाल, इस महिला की कीमोथैरेपी चल रही है। डॉक्टर अनुपम दत्ता ने बताया कि उसके सभी हार्मोन महिलाओं वाले हैं। फिलहाल हम पीड़ित महिला और उसके पति को समझा रहे हैं कि इससे कोई दिक्कत नहीं है। अब तक वह जैसा जीवन जीते आए हैं, वह वैसा ही जीते रहें। डॉक्टर दत्ता ने यह भी बताया कि महिला की बहन और दो मौसियों को भी AIS की दिक्कत रही है। यह एक जींस पर निर्भर करता है, इसलिए ये पीढ़ियों से इनके परिवार में ऐसा चलता आ रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here