11 अगस्त को बेंगलुरु में हुई हिंसा की आग भले ही अब कम हो गई हो लेकिन पुलिस ने इस हिंसा के पीछे की असल वजह को खंगालना शुरू कर दिया है। बेंगलुरु के डीजे हल्ली में हुए इस मामले को लेकर अभी तक 200 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि कई पुलिसकर्मी अभी भी घायल हैं। पुलिस द्वारा अभी तक की गयी जाँच में पता चला है कि इस पूरी हिंसा के पीछे का कारण महज एक फेसबुक पोस्ट नहीं थी बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी साजिश रची गई थी।
बंगलुरू में हुई इस हिंसा के पीछे की वजह सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) को बताया जा रहा है। जिसके चलते SDPI के 3 सदस्यों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
क्या है SDPI?
SDPI एक पोलिटिकल पार्टी है जिसकी शुरुआत 2009 में हुई थी। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया पर प्रतिबंध लगने के बाद वहाँ से कुछ सदस्य अलग संगठन में चले गए थे। इन्ही समूहों में से इंडिन मुजाहिद्दीन संगठन था। देखते ही देखते अन्य सदस्यों ने केरल, कर्णाटक और तमिलनाडु में कई संगठनों का गठन किया जिसका चेहरा था SDPI। 6 राज्यों में एसडीपीआई के तहत कई संगठन काम कर रहे हैं।
एसडीपीआई को बैन करने की उठी मांग
बेंगलुरु में हुई हिंसा के बाद SDPI और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया को बैन करने की मांग उठने लगी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि एसडीपीआई और PFI दोनों ही आतंकी संगठन हैं जिसे जल्द बैन कर देना चाहिए। बेंगलुरु में भी हुई हिंसा की वजह SDPI को बताया जा रहा है। दूसरी ओर PFI पर हाल ही में दिल्ली के शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन को फंडिंग देने का आरोप लगा था जबकि SDPI पर इससे पहले कई हिंसाओं को बढ़ावा देने का आरोप लग चुका है।
क्या था बेंगलुरु मामला
11 अगस्त को एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के बाद बेंगलुरु के डीजे हल्ली में हिंसा भड़क गयी थी। इस हिंसा में जहां 3 लोगों की जान चली गयी तो वहीं 60 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि उग्रवादियों ने हिंसा के दौरान थाने को आग के हवाले कर दिया था जबकि 200 से ज्यादा गाड़ियों को जला कर राख कर दिया।