चेतावनी – रोगों से ग्रसित गर्भवती महिला कोरोना काल में न रखें उपवास

डॉक्टरों की मानें तो अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से जुड़े लोगों और हाल फिलहाल कोरोना संक्रमण से उबरने वाले मरीजों के लिए उपवास रखना ठीक नहीं रहेगा। इसी तरह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नवरात्रि या करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना ख़तरनाक साबित हो सकता है।

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कोरोना से बचना है तो इम्युनिटी को मजबूत करना होगा और इसके लिए अपने खान पान पर बेहद ध्यान देना पड़ेगा। ये कुछ ऐसी बातें हैं जिनको हम जबसे कोरोना ने देश में दस्तक दी है सुनते आ रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच नवरात्रि भी शुरू हो गई है।ऐसे में माँ भगवती की उपासना में बड़ी संख्या में लोग उपवास रखते हैं। इसी बात को गौर करते हुए डाक्टरों चेतावनी जारी की है डॉक्टरों का कहना है कि इस कोरोना महामारी में उपवास करना खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टरों की मानें तो अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों से जुड़े लोगों और हाल फिलहाल कोरोना संक्रमण से उबरने वाले मरीजों के लिए उपवास ठीक नहीं रहेगा। इसी तरह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए नवरात्रि या करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। नई दिल्ली स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में इंटनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट कर्नल विजय दत्ता का कहना है कि बुजुर्ग, शुगर के रोगी, उच्च रक्तचाप या अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस महामारी के दौरान किसी भी तरह का उपवास नहीं रखना चाहिए।

जानकारों की माने तो शरीर को सबसे ज्यादा ऊर्जा ग्लूकोज से मिलती है। उपवास के दौरान हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है जिससे चक्कर आना तथा गर्भवती महिलाओं में जन्मजात सुरक्षा तंत्र पर असर पड़ता है तथा सेल्स कम हो जाती है। इसके साथ साथ रक्त में एंटीबॉडी के स्तर में भी गिरावट आती है जोकि महामारी के इस दौर में बेहद खतरनाक साबित हो।

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