War of the Bucket | आपने आजतक इतिहास में हुए कई युद्ध के बारे में सुना होगा। अक्सर युद्ध का मकसद अपने राज्य को बचाना या फिर दूसरे राज्य पर कब्जा करना होता था। इसके अलावा कई बार किसी राजकुमारी के कारण भी दो राजाओं के बीच लड़ाई देखी गई है। लेकिन यदि कोई आपसे कहे कि एक लकड़ी की बाल्टी के लिए दो राज्यों में युद्ध हुआ था तो क्या आप यकीन करेंगे? आपको बता दें कि यह बात पूरी तरह सच है और बाल्टी के लिए हुए इस युद्ध को वॉर ऑफ द बकेट (War of the bucket) या बैटल ऑफ द बकेट (Battle of the bucket) के नाम से जाना जाता है।
यह घटना इटली के दो शहर मोडेना (Modena) और बोलोग्ना (Bologna) के बीच की है। सन 1325 में एक बाल्टी के लिए इन दो शहरों के बीच युद्ध हुआ था। असल में मोडेना राज्य के लोग रोमन सम्राट को अपना गुरू मानते थे, तो वहीं दूसरी ओर बोलोग्ना के लोग पोप फ्रांसिस को अपना गुरू मानते थे। इसी बात को लेकर अक्सर दोनों राज्यों के बीच युद्ध होता रहता था। एक बार मोडेना के कुछ सैनिक बोलोग्ना की सीमा में घुस गए और वहाँ शहर के बीच लगी एक बाल्टी चुराकर अपने साथ ले आए।
इस बाल्टी में बोलोग्ना के सैनिक पड़ोसी राज्यों से लूटा हुआ खजाना रखते थे। बोलोग्ना के सैनिकों ने इसे अपने आत्म-सम्मान पर चोट समझी। पहले तो बोलोग्ना ने मोडेना के सैनिकों से सीधे तौर पर बाल्टी देने की बात कही। लेकिन मोडेना के सैनिकों ने इससे साफ तौर पर इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों राज्यों के सैनिकों के बीच एक भीषण युद्ध का एलान हुआ। बोलोग्ना की सेना में उस समय 32 हज़ार सैनिक थे, वहीं मोडेना के पास केवल 7000 सैनिक थे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने कम सैनिक होने के बावजूद इस युद्ध में मोडेना की जीत हुई थी। यह युद्ध सुबह से लेकर रात तक चला था। इतिहासकारों के मुताबिक इस युद्ध में दोनो राज्यों के कुल 2000 सैनिकों की मौत हुई थी। दोस्तों है ना ये कितनी दिलचस्प कहानी, कि एक बाल्टी के लिए दो राज्यों के सैनिकों के बीच कितनी भयानक युद्ध हुआ था। जिस बाल्टी के लिए यह युद्ध हुआ था, वह आज भी इटली के एक म्यूज़ियम में रखी हुई है।