योजनाबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवानों को शहीद करने वाले विकास दुबे और उसके साथियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस अब कठोरतम कार्यवाही करने के मूड में आ गई है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि जिन हमलावरों ने पुलिस के जवानों पर हमला किया है। उनके खिलाफ एनएसए एक्ट के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। विकास दुबे पर आईजी मोहन अग्रवाल ने 50000 का इनाम भी घोषित किया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि हमलावरों की संख्या 10 हो सकती है और वह पूरी तरीके से पुलिस के जवानों पर घात बनाए बैठे थे। आपको बता दें हत्या की कोशिश के आरोप में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने गई थी।
इस पर विकास दुबे के साथियों ने पुलिस के जवानों पर हमला कर दिया जिसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए। कानपुर के डीएम ने बताया कि पुलिस की इस टीम में एक सीओ, एक एसओ, 2 एसआई और 4 जवान शहीद हुए हैं। विकास दुबे उत्तर प्रदेश का एक खूंखार अपराधी है। विकास दुबे को एसटीएफ के द्वारा 31 अक्टूबर 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। कानपुर पुलिस ने उस पर 25000 का इनाम भी घोषित किया था। विकास दुबे ने 2001 में थाने में घुसकर भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। दुबे का खौफ राज्य में इतना था उसके खिलाफ किसी ने भी गवाही नहीं दी।
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विकास दुबे का उत्तर प्रदेश के प्रत्येक राजनीतिक दल से संबंध था। कभी वह बहुजन समाज पार्टी से जिला पंचायत का सदस्य रहा तो कभी समाजवादी पार्टी से उसकी पत्नी जिला पंचायत की सदस्य रही। चौबेपुर थाना के अंतर्गत आने वाले गांव के निवासी राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर विकास दुबे ने कब्जा कर लिया था। इसी को लेकर राहुल तिवारी ने विकास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तभी 1 जुलाई को विकास दुबे ने राहुल तिवारी को रास्ते से उठा लिया और उसके साथ मार पिटाई की। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने पुलिस के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।