लखनऊ में मंगलवार को बसपा मुख्यालय में मायावती ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ किया कि वह किसी से गठबंधन नहीं करेंगी और बसपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी। बता दें कि 2017 में बसपा के 19 विधायक जीते थे, हालांकि लगातार उनके विधायकों के दूसरे दलों में जाने से अब उनके पास केवल चार विधायक बच गए हैं। मायावती ने कहा कि गोरखपुर में ब्राह्मण की हत्या पर कार्रवाई नहीं हुई। कानून व्यवस्था के मामले में योगी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है।
उन्होंने किसी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर कहा कि हमारी पार्टी इस बार किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द होने वाला है ‘इसको देखते हुए हमने बसपा की पूरी टीम को चुनावी रणनीति में लगा दिया है। जनता में बसपा का संदेश और बीती चार बार की सरकारों में हुए कार्य को बताया जा रहा है। उम्मीद है कि 2022 के चुनाव में यूपी में एक बार फिर बसपा की सरकार बनेगी’।
दलितों औऱ पिछड़ों पर हो रहा है जुल्म
मायावती ने कहा, ‘पीड़ित पक्ष की पुलिस सुनती नहीं है। योगी के सारे दावों की चंद दिनों में हुए मर्डर, रेप के मामलों ने हवा निकाल दी। ओबीसी जनगणना कराने को ले करके मांग चल रही है। मगर, मौजूदा सरकार नहीं लागू कर रही है। धार्मिक मामलों में मुस्लिम भी परेशान हैं, फर्जी मुकदमों में फंसाए जाते हैं। BJP की सरकार में सौतेला व्यवहार किया गया है’। उन्होंने कहा कि यूपी में लगातार दलित और पिछड़ों पर जुल्म हो रहा है। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी 2007 की तरह बहुमत से सत्ता में आएगी, क्योंकि उनका गठबंधन प्रदेश की जनता के साथ हो चुका है। उन्होंने राज्यसभा के जिन 12 सांसदों को निलंबित किया गया है, उस पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- ‘वह पिछले सत्र में किया गया था। यह शीतकालीन सत्र चल रहा है और मुझे लगता है कि सरकार को उन 12 सांसदों से बात करके समस्या का हल निकालना चाहिए, ताकि राज्यसभा आराम से, सुचारु रूप से चल सके।
मायावती के संबोधन की प्रमुख बातें
- मायावती ने कहा OBC समाज को आरक्षण बाबा साहेब की देन है।
- वंचितों को नए-नए नियम बनाकर परेशान किया जा रहा है।
- कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट कभी लागू नहीं की, बसपा ने किया।
- सुरक्षित सीटों को BSP में जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई।
- ओबीसी समाज के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई।
- बीएसपी की सरकार में सभी का ध्यान रखेंगे।