बीते 14 सितंबर को हुए हाथरस कांड में अलग-अलग मुद्दे सामने आ रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया धारकों द्वारा लगातार सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जिसमें सोशल मीडिया पर एक चैनल का लोगो लगा कर फेक न्यूज़ फैलाई गई। चैनल में चलाए जा रहे ब्रेकिंग न्यूज़ का स्क्रीनशॉट लेकर उसमें एडिट करके अपने मन मुताबिक जातिगत भड़काऊ बात लिखी गई है। हाथरस कांड में सरकार को घेरने के तमाम फर्जी स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर लगातार वायरल किया जा रहा है। इन फर्जी अफवाहों से जातिगत दंगा भड़काने की कोशिश की जा रही है। हाथरस कांड का यह मुद्दा अब अपराध बनाम न्याय से हटकर सवर्ण बनाम दलित बनाने का खूब प्रयास किया जा रहा है।
वायरल स्क्रीनशॉट का झूठ
वायरल स्क्रीनशॉट के जरिए यह अफवाह फैलाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कथित तौर पर विवादित बयान बाजी कर रहे है। वायरल स्क्रीन शॉट से यह बात साबित करने की कोशिश की जा रही है कि हाथरस कांड में योगी सरकार अपराधियों के पक्ष में है जबकि हकीकत बिल्कुल इसके उलट है।
यह अफवाह हिंदी चैनल “आज तक” के न्यूज़ बुलेटिन के स्क्रीनशॉट को एडिट करके उसमें गलत बयानबाजी को वायरल किया जा रहा है।
वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट में एडिट करके लिखा गया है कि” ठाकुरों का खून गर्म होता है ठाकुरों से गलतियां हो जाती हैं: योगी” स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखने से ही पता लग जाता है कि यह स्क्रीनशॉट फर्जी है और जातिगत दंगे बढ़ाने के लिए इसका खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रतिष्ठित अखबारों के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक चैनल ने भी इस बात का खंडन किया है।
जानिए सच क्या है?
- वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखने से ही यह पता लग जाता है कि वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। वायरल स्क्रीनशॉट में लिखे गए अक्षरों का मिलान चैनल के बुलेटिन के अक्षरों से मिलान करने पर अलग पाया गया।
- वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट में ऊपर योगी आदित्यनाथ के बयान और नीचे चलाई जा रही ब्रेकिंग बिल्कुल एक दूसरे के उलट है। नीचे चलाई चाहिए ब्रेकिंग में एसपी डीएसपी के सस्पेंड होने की खबर चलाई जा रही है।
- इंटरनेट पर अलग-अलग कीवर्ड के जरिए सर्च करने पर किसी भी ऐसे बयान बाजी की खबर सामने नहीं आई जिस से योगी आदित्यनाथ के इस फर्जी बयान की पुष्टि हो सके। इन बातों से यह साबित होता है कि ऐसे स्क्रीनशॉट कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं।
- जांच पड़ताल करने के बाद यह बात सामने आई कि चैनल में वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट का फ्रेम 1 मिनट के बाद आता है। असली वीडियो में वह बयान बिल्कुल नहीं है जो एडिट करके सोशल मीडिया शेयर किया जा रहा है।
- इन सभी बातों से यह साफ स्पष्ट होता है कि कुछ असामाजिक लोग फर्जी स्क्रीनशॉट वायरल कर के योगी आदित्यनाथ को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, साथ ही जातिगत दंगे भड़काने का भी प्रयास किया जा रहा है।
बोले इंडिया के दर्शकों और पाठकों से हमारी यही अपील है की फेक न्यूज़ से दूर रहें। समाज में फैलाए जा रहे जातिगत दंगों की आग से खुद को बचाएं।