पहली कक्षा की कविता में हुआ ‘छोकरी’ शब्द का प्रयोग, सोशल मीडिया पर विरोध के बाद NCERT ने दिया जवाब

कक्षा एक की कविता में "छोकरी" शब्द के प्रयोग पर सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा हो गया है। साथ ही इसे पाठ्यक्रम से बाहर करने की मांग की जा रही।

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दरअसल, एनसीईआरटी (National council of Educational Research and Training) (NCERT) पाठ्यक्रम में छपी एक कविता चर्चा का विषय बन गई है। मामले में तेजी आते देख एनसीईआरटी ने सामने आकर अपनी बात रखी। अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, “एन. सी. एफ. 2005 के परिपेक्ष्य के स्थानीय भाषाओं के शब्दावली को बच्चों तक पहुंचाने के उद्देश्य में रखते हुए यह कविताएं शामिल की गई ताकि सीखना रूचि पूर्ण हो सके।”

पहली कक्षा के लिए लगने वाली किताब में एक कविता है। कविता का नाम ‘आम की टोकरी’ जोकि पूरी कविता कुछ इस तरह है।

छह साल की छोकरी,
भरकर लाई टोकरी।
टोकरी में आम है,
नहीं बताती दाम है।
दिखा दिखाकर टोकरी,
हमें बुलाते छोकरी।
हमको देती आम है,
नहीं बुलाती नाम है।

जिसमें लोगों ने लिख कर विरोध दर्ज किया है। कोई छह साल की बच्ची के लिए “छोकरी” जैसे अपमानजनक शब्द कैसे प्रयोग कर सकता हैं। और वही टोकरी को सर पर रखने कि वजह से लोगो ने बोला इससे बाल श्रम को बढ़ावा मिलेगा। इसी वजह से कविता कि खूब आलोचना की जा रही।

इस विषय पर आईएएस अवनीश शरण ने भी सोशल मीडिया पर आवाज उठाई। वो लिखते है ये किस सड़क छाप कवि कि रचना है। कृपया इस पाठ को पाठ्यक्रम से बाहर करे। वहीं एक यूजर ने अवनीश शरण के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए कहा, “कविता तो एकदम सही है आईएएस सर पर आपकी भाषा के शब्द सड़कछाप कविता से बदतर है। आपको ऐसे शब्द शोभा नहीं देते। कविता मासूमियत से भरी है अब किसी की सोच में गंदगी हो तो क्या कर सकते है।”

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