किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है, हालांकि इस आंदोलन का असर पूरे राष्ट्र में नहीं है केवल दिल्ली से सटे कुछ राज्यों में इसका असर दिखाई दे रहा है। लेकिन यह माना जा रहा है कि इस आंदोलन के चलते दिल्ली में रहने वाले लोगों को तथा दिल्ली के आसपास के लोगों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है।इस आंदोलन के कारण कई हजार करोड़ का घाटा अब तक भारत की अर्थव्यवस्था को सहना पड़ चुका है। अब लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता कराई जा सके। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को होने वाली वार्ता से पहले बाबा लक्खा सिंह ने मध्यस्थता की पेशकश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा, कलेरां के प्रमुख लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान तोमर ने कहा, “सरकार 10 कदम आगे बढ़ी है किसान संगठनों को भी कुछ कदम आगे बढ़ना चाहिए। अगर किसान कानून वापसी के अलावा कोई और प्रस्ताव रखते हैं तो सरकार इस पर विचार करेगी।” वहीं, बाबा लक्खा ने कहा, हम नया प्रस्ताव लेकर आएंगे और इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।
बाबा लक्खा के साथ मुलाकात होने के पश्चात केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी अगली मीटिंग पर कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है दोपहर 2:00 बजे किसान संगठनों तथा सरकार के बीच होने वाली बैठक में क्या निकल कर आएगा? इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बाबा लक्खा को किसी तरह के प्रस्ताव देने के बारे में भी बताने से इनकार करते हुए कहा, मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकता हूं। वास्तव में यह बैठक में होने वाली चर्चा के मुद्दाें पर निर्भर करेगा।
कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात कर लक्खा ने कहा, ” लोगों की जान जा रही है।बच्चे,किसान,बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष सड़कों पर है, यह असहनीय दुख है। मैंने सोचा कि इसका हर हाल में समाधान होना चाहिए।इसीलिए मैं कृषि मंत्री से मिला हूं। मैं किसानों तथा सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह जल्द से जल्द इस मसले का हल निकाल लें। “