भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच का टकराव अभी समाप्त होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। पश्चिम बंगाल में चुनाव भले ही समाप्त हो गए हो लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी तक खुद को एक मुख्यमंत्री की बजाय एक राजनेता मानकर बंगाल में शासन कर रही हैं। इसका उदाहरण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज पश्चिम बंगाल में जब साइक्लोन से जुड़े मामले पर एक समीक्षा बैठक की तो उसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 मिनट लेट आईं। और कुछ समय बाद दस्तावेज थमा कर निकल गईं। ममता का कहना था कि उन्हें कुछ दूसरी मीटिंग अटेंड करनी है इसीलिए वे जा रही हैं।
मीटिंग के बाद सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव ने पीएम नरेंद्र मोदी को यास चक्रवात से सूबे में हुए नुकसान के संबंध में रिपोर्ट सौंपी है। पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंचने और तुरंत निकलने पर बाद में ममता बनर्जी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।
पीएम की बैठक से अनजान थीं ममता
After having review meetings in Hingalganj & Sagar, I met the Hon’ble PM in Kalaikunda & apprised him regarding the post-cyclone situation in WB. The disaster report has been handed over for his perusal. I’ve proceeded now to review the relief & restoration work at Digha.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 28, 2021
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं नहीं जानती थी कि पीएम मोदी ने मीटिंग बुलाई है। मेरी दीघा में एक और मीटिंग थी। मैं कलाईकुंडा गई थी और पीएम नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट सौंपकर 20,000 करोड़ रुपये की मदद की मांग की है। 10,000 करोड़ की मांग दीघा और 10,000 करोड़ सुंदरबन के विकास के लिए मांगे हैं। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। इसके बाद मैंने उनसे परमिशन ली और निकल गई।’