कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती। ठीक ऐसा ही एक मामला मंगलवार को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से सामने आया। यहां पर सिंधी कॉलोनी में रहने वाले एक इंजीनियर छात्र जिसका नाम विकास तिवारी है उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में उसने अपनी आत्महत्या की वजह डिप्रेशन बताइ और लिखा कि वह 3 सालों से घुट घुट के जी रहा है। इंदौर पुलिस के अनुसार, विकास सिंगरौली के छितरंगी का रहने वाला था। उसके पिता धर्मराज तिवारी प्रिंसिपल हैं। चार दिन पहले वह अपने पिता के साथ इंदौर गया था, जहाँ वह पीएससी की तैयारी करने वाला था। इसके लिए उसने शहर की एक बड़ी कोचिंग एकेडमी में एडमिशन में लिया था। उसके पिता दो दिन तक उसी के साथ रुके थे, फिर वे चले गए।
छात्र के पिता ने बताया कि जब मैं अपने बेटे के साथ रुका था तो मुझे ऐसा कुछ भी महसूस नहीं हुआ कि वह बहुत परेशान है। विकास के चचेरे भाई का कहना है कि विकास बहुत होशियार विद्यार्थी था। अपनी योग्यता के बल पर उसने दिल्ली आईआईटी में स्थान प्राप्त किया परंतु मनपसंद ब्रांच ना मिलने का कारण उसने दिल्ली आईआईटी छोड़ दी। धीरे-धीरे उसे पब्जी खेलने की लत लगी, और वह एग्जाम में फेल होने लगा। फेल होने के कारण उसने विद्यालय भी छोड़ दिया। और जब पब्जी भारत में बैन हुआ तो वह डिप्रेशन में आ गया। और अब जब है यह सब कुछ नहीं सहन कर पाया और डिप्रेशन का शिकार हो गया तो उसने आत्महत्या कर ली।