उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन हमेशा ही अपने बेतुके बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। सांसद महोदय ने इस बार अपनी बेतुकी बातों की सभी सीमाएं तोड़ दी हैं। एसटी हसन ने कहा है कि पिछले सात सालों में ऐसे कानून बनाये गए जिनसे शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई। एक नागरिकता कानून लाया जिसमें कहा गया कि सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी। ये सब सरकार की नाइंसाफियां थीं। इन नाइंसाफियों के चलते ही देश में दो बार बड़े तूफान आए हैं। ये आसमानी आफत है। कोरोना की वजह से देश में बड़ी संख्या में लोग मर गए। पहली बार इंसानों की लाशें कुत्ते खा रहे थे। नदियों में लाशें बहा दी गईं। दाह संस्कार के लिए शमशान घाटों पर लकड़ियां कम पड़ गईं।
सपा सांसद ने कहा कि जब जमीन वाला इंसाफ नहीं करता तो ऊपर वाला करता है। देश के 99 प्रतिशत लोग धार्मिक लोग हैं। धार्मिक लोग यह मानते हैं कि इस दुनिया को चलाने वाला और इंसाफ करने वाला कोई और है। यदि जमीन वाले इंसाफ नहीं करते तो आसमान वाला इंसाफ करता है। जब वह इंसाफ करता है तो उसमें इफ एंड बट नहीं हुआ करता।समाजवादी पार्टी के यह सांसद पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं। मुरादाबाद के पास स्थित संभल जिले से भी समाजवादी पार्टी के एक ऐसे ही सांसद हैं जिनका नाम है शफीक उर रहमान वर्क। सपा की यह दोनों सांसद ही हमेशा विवादित बयान देते हैं और सुर्खियों में बने रहते हैं।
सपा सांसद डा.एसटी हसन के बयान पर यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग देश में शरिया कानून लाना चाहते हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि आईएसआईएस और इनकी सोच में कोई अंतर नहीं है।