केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का बड़ा बयान- कोरोनाकाल में सभी लोगों तक सस्ती दवा पहुंचाने के तरीके ढूंढने होंगे

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दुनियाभर के संगठनों से कोरोनाकाल में सभी लोगों तक कम कीमत में जरूरी दवाएं पहुंचाने के तरीके ढूंढने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि संकट की इस घड़ी में उद्योगों के लिए कोरोना टीकों के पेटेंट अधिकारों से चिपके रहने की कोई गुंजाइश नहीं है।

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चित्र साभार: ट्विटर @drharshvardhan

भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन लगातार देश के लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं और नई नई नीतियां बना रहे हैं। इस दौरान उन्हें राजनैतिक हमलों का भी शिकार होना पड़ता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दुनिया भर के संगठनों से यह निवेदन किया कि संक्रमण काल के इस कठिन समय में कम कीमत पर सभी लोगों तक जरूरी दवाएं पहुंचाई जानी चाहिए।

बुधवार को हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (W. H. O.) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया। इस मौके पर संगठन के कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, महामारी जैसे मुश्किल समय में भी सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए बहुत कम इच्छा दिख रही है। सभी तबकों तक स्वास्थ्य पहुंचाने का लक्ष्य पाने के लिए दवाओं की सस्ती और आसान उपलब्धता एक प्रमुख कारक है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ को विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्य संस्थानों के साथ मिलकर महामारीकाल में अहम दवाओं तक सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।

टीकों का समान वितरण है सबसे बड़ी चुनौती : डॉ. हर्षवर्धन

हर्षवर्धन के अनुसार, इस समय हमारे सामने टीकों का समान वितरण सबसे बड़ी चुनौती है। उनका कहना था कि डब्ल्यूएचओ में सभी को कमजोर लोगों की सेवा के लिए आगे कदम बढ़ाना चाहिए। यह समय आपसी सहयोग का है और हमें दिखाना चाहिए कि दुनिया एक है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करने के लिए राष्ट्रों का साझा आदर्शवाद इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। गंभीर वैश्विक संकट में सार्वजनिक स्वास्थ्य में फिर से रुचि और निवेश बढ़ाने के लिए मजबूत वैश्विक भागीदारी की आवश्यकता है।

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