सुशांत सिंह राजपूत मामला अब अपने अंतिम चरण पर आ पहुंचा है। अभिनेता सुशांत की मौत मामले में एम्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बाद अब शिवसेना लगातार अपने विरोधियों पर निशाना साध रही है। सोमवार को पार्टी के मुखपत्र सामना में संपादकीय में एक्टर की मौत पर सवाल उठाते हुए लिखा गया, ” सीबीआई जांच में पता चला है कि सुशांत चंचल और चरित्रहीन कलाकार था।” इसके अलावा शिवसेना ने कहा कि इस मामले में राजनीति भी की गई है। बिहार चुनाव में प्रचार के लिए कोई मुद्दा नहीं था। इसीलिए नीतीश कुमार और वहां के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया। इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर को वर्दी में नचाया और आखिर यह महाशय नीतीश कुमार की पार्टी में आ गए जिससे उनकी खाकी वर्दी का वस्त्रहरण हो गया। मुंबई पुलिस इसकी जांच नहीं कर सकती, इसीलिए सीबीआई को बुलाओ !… ऐसा चिल्लाने वाले एक सीधा सा सवाल नहीं पूछ पाये कि 40 50 दिन से सीबीआई क्या कर रही है? सुशांत केस को भुनाकर महा विकास आघाडी की सरकार और मुंबई पुलिस का मीडिया ट्रायल कराया गया।
शिवसेना ने लिखा सुशांत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को 110 दिन हो गए। इस दौरान मुंबई पुलिस की खूब बदनामी की गई। मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और राजनेताओं को और कुत्तों की तरह भौंकने वाले चैनल को महाराष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए, इन सभी ने जानबूझकर महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा पर कलंक लगाने का प्रयास किया है। यह एक षड्यंत्र ही था महाराष्ट्र सरकार को चाहिए कि वह उन पर मानहानि का दावा करें। इसके अलावा शिवसेना ने सुशांत सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा किसी युवक की इस तरह से मौत होना बिल्कुल अच्छा नहीं है। प्रशांत डिप्रेशन में था और निराशा से ग्रस्त था। जीवन में असफलता से वह खुद को संभाल नहीं पाया इसी कशमकश में उसने मादक पदार्थों का सेवन शुरू किया और 1 दिन फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। मुंम्बई पुलिस मामले में बड़ी बारीकी से जांच कर रही थी, मुंबई पुलिस दुनिया की सर्वोत्तम पुलिस टीम है। लेकिन मुंबई पुलिस पर कुछ छुपा रही है किसी को बचाने का प्रयास कर रही है, ऐसा धूंआ उड़ाया गया इस दौरान सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देशभर के कई गुप्तेश्वरों का गुप्त रोग बढ़ गया।