किसान आंदोलन को लेकर कुछ समय पहले कुछ विदेशी हस्तियां भारत पर निशाना साध रहीं थी। वहीं भारत के कुछ लोग इनका समर्थन भी कर रहे थे। लेकिन दूसरी तरफ भारत के बहुत सारे मशहूर लोगों ने इन विदेशी हस्तियों का विरोध किया जिनमें सचिन तेंदुलकर नाम प्रमुख रूप से शामिल है। सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि भारतवासी अपने देश के आंतरिक मामले को सुलझाने के लिए सक्षम है। इसीलिए बाहरी ताकतों को देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। अब इस मामले पर राजनीति छोड़ चुकी है राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर को नसीहत देते हुए कहा है कि वह अपने से अलग क्षेत्र में बोलने में सावधानी बरतें।
शनिवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष ने पुणे में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बात कही। किसान आंदोलन को लेकर सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर के बयान पर शरद पवार ने कहा इसे लेकर उन्होंने जो राय रखी है,उससे जनता में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए सत्ताधारी दल कभी किसानों को ख़ालिस्तानी कहते हैं तो कभी कुछ और कह कर उन्हें बदनाम करते हैं।
एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि जीतोड़ मेहनत करके इस देश को अनाज देकर आत्मनिर्भर करने वाले किसानों का ये आंदोलन है। किसानों को बदनाम करना अच्छी बात नहीं। पवार का कृषि मंत्री रहते लिखा पत्र तेजी से वायरल हो रहा है। इसे लेकर उन्होंने कहा कि हां, मैंने पत्र लिखा था. उस पत्र में ये दो-तीन बातें भी स्पष्ट लिखी हुई हैं कि कृषि को लेकर कानून में सुधार लाया जाना जरूरी है