लगातार ऐसा देखा जा रहा है कुछ लोगों के इशारे पर कभी किसी देश के किसी शहर को, तो कभी किसी देश के किसी शहर को दंगे की आग में जला दिया जाता है। अभी कुछ ही दिनों पहले भारत के दिल्ली में हुए दंगे और बेंगलुरु में जलाई गई सार्वजनिक संपत्तियों इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। यूरोप के सबसे शांत देशों में शुमार स्वीडन में शुक्रवार रात को कुरान के अपमान की खबर से दंगे भड़क गए। बड़े संख्या में लोग शहर की सड़कों पर उतर आए और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया।
सूत्रों के अनुसार यह पता चला है कि नार्वे की राजधानी ओस्लो में शनिवार को इस्लाम विरोधी और इस्लाम समर्थकों के बीच हिंसक प्रदर्शन हुए। यह कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पवित्र कुरान की प्रतियों को फाड़ दिया। इन प्रदर्शनों का आयोजन नार्वे के धुर दक्षिणपंथी संगठन स्टॉप इस्लामाइजेशन ऑफ नॉर्वे ने किया। यह सभी प्रदर्शनकारी नार्वे की राजधानी ओस्लो में संसद की बिल्डिंग के बाहर एकत्रित हुए और वहां पर उन्होंने इस्लामी विचारधारा के खिलाफ अपना विरोध जताया।
Muslims are terrorists , no need evidences .. they don't need development,job,
The attacks in Norway come on the heels of last night riots in Sweden after a man burned a copy of the Quran pic.twitter.com/oDBfgTIK9o
— Habeeb🌐 (@Habeeb_jannati) August 30, 2020
स्वीडन अखबार आफ स्टोनब्लेट की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी के नेता रैसमस पालुदन को गुरुवार को आयोजित नॉर्डिक देशों में इस्लामीकरण में हिस्सा लेना था। उन्हें इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोका गया और फिर शहर में दंगा भड़क गया।
BREAKING: HUGE riots are taking place in Malmö, Sweden after the Danish far-right group "Stram kurs" burned the Quran (@Faytuks) pic.twitter.com/HuhIKwXz8P
— SV News 🚨 (@SVNewsAlerts) August 28, 2020