फेक टीआरपी के मामले में अब बड़ा मोड आ चुका है। सोमवार को मुंबई हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी टीआरपी मामले में आरोपित नहीं है इसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और अर्णब गोस्वामी की तरफ से इस मुद्दे पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह पर 200 करोड़ की मानहानि का मुकदमा करने की बात कही। विज्ञप्ति के अनुसार महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने अदालत में यह बात स्वीकार कर ली है कि टीआरपी मामले में दर्ज की गई FIR में रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल नहीं है।
रिपब्लिक टीवी मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ और मैनेजिंग डायरेक्टर अर्नब गोस्वामी ने अपने कानूनी सलाहकार समूह फिनिक्स लीगल को निर्देश दिया है कि वह परमवीर सिंह पर 200 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएं। इसमें से 100 करोड़ अर्नव गोस्वामी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए और 100 करोड़ रिपब्लिक टीवी मीडिया नेटवर्क की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए। रिपब्लिक टीवी मीडिया नेटवर्क की कानूनी टीम मानहानि का मुकदमा करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुकी है।
News Release: Arnab & Republic to sue Param Bir Singh for Rs. 200 cr, as Maharashtra Govt and Mumbai Police admit in court that Network is not named in the TRP case FIR. pic.twitter.com/iNSoasmyaa
— Republic (@republic) October 19, 2020
इसके अलावा रिपब्लिक स्पेशल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर सुधीर जम्बावडेकर के विरुद्ध अवमानना की याचिका दायर करेगा। इसका सबसे बड़ा आधार यह होगा कि उन्होंने f.i.r. मामले की मनमानी से शुरुआत की जिसे बंबई उच्च न्यायालय ने पहले ही रद्द कर दिया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने मीडिया के सामने आकर रिपब्लिक टीवी के नाम को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया यहां तक कि उनके पास कोई सबूत नहीं था। इसका सीधे तौर पर अर्थ यह है कि यह पूरी कार्रवाई केवल बदले की भावना से की जा रही थी। तमाम कोशिशों के बावजूद सच सामने आ चुका है और सच वही लोग सामने लेकर आए हैं जो अदालत में हमारे विपरीत मौजूद थे महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह बात स्वीकार करने का मतलब है कि रिपब्लिक टीवी ने किसी भी तरह की धांधली नहीं की थी।