देश में रेमेडिसिवर के इंजेक्शन के न होने कारण बहुत सारे लोगों की मौत हो चुकी है। कई स्थानों पर इस इंजेक्शन को ब्लैक में बेचा जा रहा है। जिन्हें इस इंजेक्शन की आवश्यकता है उन्हें भी यह इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है। आप सभी जानते हैं इस संकट के समय में कई देशों ने भारत की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत इस समस्या को हल करने के लिए कई देशों की मदद लेने की तैयारी में है। भारत सरकार ने देश में रेमेडिसविर की कमी को दूर करने के लिए अन्य देशों से इसका आयात शुरू कर दिया है। 75000 शीशियों की पहली खेप आज भारत पहुंचेगी।
भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने अमेरिका के मेसर्स गिलियड साइंसेज इंक और मिस्र की फार्मा कंपनी मेसर्स ईवा फार्मा को रेमेडिसविर की 4,50,000 शीशियां बनाने का ऑर्डर दिया है। अमेरिका से अगले एक या दो दिनों में 75,000 से 1,00,000 शीशियां आने वाली हैं। इसके अलावा 15 मई से पहले एक लाख शीशियों को भारत पहुंचाया जाएगा। साथ ही ईवा फार्मा शुरुआत में लगभग 10,000 शीशियों की आपूर्ति करेगी, जिसके बाद हर 15 दिन या जुलाई तक 50,000 शीशियां भारत को मिलेंगी।
सरकार ने देश में रेमेडीसिवर की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है। 27 अप्रैल तक सात लाइसेंस प्राप्त घरेलू निर्माताओं की उत्पादन क्षमता प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़कर 1.03 करोड़ शीशियों प्रति माह हो गई। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस इंजेक्शन के निर्यात पर भी रोक लगा दी है।