भारत की बहुत सारी कंपनियां लगातार इलेक्ट्रिक कार बनाने की तैयारियां कर रही है इस इलेक्ट्रिक कार को तैयार करने में उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन भारत के एक छोटे से गांव में रहने वाले सुशील अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति ने बिना किसी तकनीकी सहायता से एक इलेक्ट्रिक कार तैयार की है और इस इलेक्ट्रिक कार की सबसे प्रमुख बात यह है कि यह सौर ऊर्जा के द्वारा चार्ज होती है इस वाहन में 850 वॉट्स मोटर, 100 Ah/ 54 Volts की बैटरी का प्रयोग किया गया है। माना जा रहा है कि इस बहन को एक बार चार्ज करने में 300 किलोमीटर का सफर किया जा सकता है और इस वाहन को चार्ज होने में करीब 8 घंटे लगते हैं।हालांकि उन्होंने इस बात को भी साफ कर दिया है कि इस वाहन में प्रयोग की जानें वाली बैटरी काफी धीमे चार्ज करती है, लेकिन इसकी लाइफ 10 साल तक की है।
सुशील अग्रवाल ने एएनआई को बताया, “मेरे पास घर पर एक कार्यशाला है। इस इलेक्ट्रिक वाहन को तैयार करने का काम इन्होंने लॉकडाउन के दौरान शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में मोटर वाइंडिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग और चेसिस वर्क सहित सभी काम किए गए हैं। इस कार को तैयार करने में दो अन्य मैकेनिकों और एक दोस्त ने इनकी मदद की है।
सुशील अग्रवाल ने कहा, “जब लॉकडाउन प्रतिबंध लागू किया गया था तो मैं अपने घर पर था। मुझे पता था कि लॉकडाउन हटने के बाद जल्द ही ईंधन की कीमतों में वृद्धि होगी। इसलिए मैंने अपनी कार बनाने का फैसला किया। इस कार को बनाने के लिए इन्होंने कुछ किताबों को पढ़ा और YouTube पर वीडियो देखी।” मयूरभंज आरटीओ के अधिकारी गोपाल कृष्ण दास ने कहा कि, “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि लॉकडाउन अवधि के दौरान सौर-बैटरी से चलने वाले वाहन को तैयार किया गया। ऐसे वाहन पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, और समाज को इस प्रकार के आविष्कार को प्रोत्साहित करना चाहिए।”