भारतीय राजनीति का एक अद्भुत सितारे और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान 10 अक्टूबर 2020 की शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। 8 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा अन्य प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उसके बाद उनके शव को पटना लाया गया। पटना में गंगा नदी के किनारे बने दीघा घाट पर रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार हुआ। रामविलास पासवान को मुखाग्नि देते समय उनके बेटे चिराग पासवान बेहोश होकर गिर गए और सहारा देकर उन्हें मुखाग्नि दिलाई गई। पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में रखकर लाया गया। पूरा हुजूम ” रामविलास पासवान अमर रहे!” के नाम से गूंज रहा था। इस मौके पर नीतीश कुमार भी उपस्थित थे जिन से लगातार रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के संबंध बिगड़ते जा रहे थे। लेकिन ऐसे समय में भी नीतीश और रामविलास पासवान यादें नितीश कुमार की आंखों में देखी जा सकती।
बिहार: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान पटना में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। pic.twitter.com/EOVIGUg9gD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 10, 2020
74 साल की उम्र में भारत के पूर्व मंत्री रामविलास पासवान का निधन हुआ था। 2 अक्टूबर को उनके हार्ट की सर्जरी हुई थी। रामविलास पासवान एकमात्र ऐसे मंत्री थे जिनके नाम भारत के 6 प्रधानमंत्री उनके साथ कार्य करने का अद्भुत रिकॉर्ड है। रामविलास पासवान ने विश्वनाथ प्रताप सिंह, इंद्र कुमार गुजराल, एच डी देवगौड़ा, पंडित अटल बिहारी बाजपेई, मनमोहन सिंह तथा नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में कार्य किया है। रामविलास पासवान राजनीतिक अनुभव में नीतीश कुमार तथा लालू प्रसाद यादव से सीनियर रहे। बिहार के मुख्यमंत्री बनने का स्वप्न उनका कभी पूरा नहीं हो पाया, हालांकि हम उनके बेटे चिराग पासवान बिहार में लोजपा को शक्ति प्रदान करके उनके सपने को अपने द्वारा पूरा करने की कोशिश करेंगे। रामविलास पासवान ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में 11 चुनाव लड़े और वे 9चुनाव जीते।
बिहार: पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/FVsaw4DGsJ
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