प्रशांत किशोर ने कहा, “सरकार के खिलाफ निचले स्तर पर है एंटी इनकंबेंसी, आखिरी व्यक्ति तक पहुंचना है बड़ी चुनौती”

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा है टीएमसी में निचले स्तर पर एंटी इनकम्बैंसी की बात जो सामने आ रही है, वह निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के इसी रवैये कारण है, जिसका नुकसान निचले स्तर पर पार्टी को हुआ है।

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चित्र साभार: ट्विटर @prashantkisho

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का यह ऑडियो कुछ समय पहले वायरल हुआ था जिस कारण काफी समय तक राजनीति हुई थी। इस ऑडियो में वे प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए नजर आए थे। ऑडियो को सुनकर ऐसा लग रहा था कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की विजय हो रही है। इसी बीच उन्होंने आजतक से बातचीत में कई प्रमुख बातें पश्चिम बंगाल कितना पर कहीं हैं। प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां चंद्रबाबू नायडू ने हर गांव में जन्मभूमि बनाया था, जिसका काम सरकार को योजनाओं की जमीनी हकीकत बताना था, लेकिन धीरे-धीरे जन्मभूमि से जुड़े लोग अपने लोगों की ही बात करने लगे, जिसका नुकसान पार्टियों को उठाना पड़ता है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के सामने चुनौती है कि वह अपने कार्यकर्ताओं को संभाले रहें, उनकी भागीदारी बनी रहे, लेकिन उनकी भागीदारी आपके लिए परेशानी बन जाए, वो भी नहीं होना चाहिए, कहीं पार्टी कार्यकर्ता की सुनी नहीं जाती तो कहीं पार्टी के कार्यकर्ता की ही सुनी जाती है, यह परेशानी हर जगह है।

जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार के सवाल पर प्रशांत किशोर ने जवाब दिया ऐसा नहीं है, कई बार सत्ता में आने के बाद पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं को किनारे कर देती है, इससे लगता है कि सत्ता ब्यूरोक्रेसी चला रही है, वहीं अगर कार्यकर्ताओं को पॉवर देते हैं तो देखते हैं कि कहीं गड़बड़ी हो रही है, ऐसे में सत्ता का बैलेंस बनाना ही महत्वपूर्ण है।

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